पाकिस्तान ने एक बार फिर से अपने कायरता और बर्बरता का परिचय दिए है BSF के बहादुर जवान हेड कांस्टेबल नरेन्द्र कुमार की निर्मम हत्या करके | हिंदी अख़बारों में छपे खबरों के अनुसार पाकिस्तानी सिपाही ने हेड कांस्टेबल शहीद नरेन्द्र कुमार को अग़वा कर प्रतारित किया, पैर काटी, आँख निकली, गला रेता फिर सीने में गोली मर दिया | ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी भारतीय सैनिक की ऐसे निर्दयतापूर्ण हत्या की गयी हो पूरे देश को आज भी याद होगा 2013 घटना जब में जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान सीमा पर मथुरा के लांसनायक हेमराज सिंह की निर्मम हत्या कर उनका सर काट लिया गया था, ऐसा कोई भारतीय नहीं होगा जिसका खून न खौला हो | साथ ही हमें याद आते हैं सौरभ कालिया जिनकी 1999 के कारगिल युद्ध के शुरुवात में पाकिस्तानियों द्वारा यातनाएं देकर हत्या कर दी गई थी |
इस घटना ने पूरे देश की आँखें नम कर दी थी और सभी ने बस यही गुज़ारिश और उम्मीद की थी की कुछ ऐसा किया जाये की भविष्य में फिर कभी किसी सैनिक को इस प्रकार से अपनी जान ना गँवानी परे, लेकिन लोग 10 साल से शासन कर रहे कांग्रेस के मनमोहन सरकार से ना-उम्मीद हो चुके थे यही नहीं शहीद हेमराज के परिवार के लोगों ने भी सरकार से यही गुज़ारिश की थी की दोषियों को उचित सबक सिखाया जाये और कुछ ऐसा किया जाये की ऐसी घटना दोबारा न हो सके और हमारे जवान जो बॉर्डर पर हमारी रक्षा करते हैं उनका भी हौसला बढे और वो भी सुरक्षित महसूस करे |
लेकिन अगर ऐसी घटना फिर से होती है तो हम ये नहीं मन सकते की सरकार ने उचित कदम उठाया, क्योंकि कोई दो तीन घटना और कार्रवाई गिना देने से सरकार की ज़िम्मेदारी ख़तम नहीं हो जाती है सरकारें कोई भी चाहे UPA की सरकार हो या NDA की सरकार हो सभी पूरी तरह असफल रहे हैं सैनिक को उचित सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने में |
आपको याद होगा लांसनायक हेमराज सिंह शहादत के बाद तभी के प्रधानमंत्री के दावेदार और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य भाजपा नेताओं ने बहुत कुछ कहा था ऐसा लगा शायद नरेन्द्र मोदी सत्ता में आने के बाद ऐसा नहीं होने देंगे, और फिर 2014 नरेन्द्र मोदी अपार बहुमत के साथ देश के प्रधानमंत्री चुने गए सरकार तो बदल गयी लेकिन आतंकवादी घटना, सीमापार से होने वाले हमले या सीज-फायर उलंघन में कोई कमी नहीं आयी | जो प्रधानमंत्री उमीदवार के तौर पर हर मुद्दे पर चीख-चीख कर बयान देते थे आज इतनी बरी घटना हो जाती है और उनकी एक सिसकी तक नहीं निकलती है, कहीं यही सत्ता में होने का मतलब तो नहीं क्यों जब नेता सत्ता से बहार होते हैं तभी प्रो एक्टिव दिखाते हैं ? ऐसा क्या बदल जाता है कुर्सी मिलने के बाद की लोगों से जो वादे जो बात करके आप सत्ता में आते हैं वही भूल जाते हैं ? सरकारें कोई भी हो होता यही है | ऐसे में सुषमा स्वराज और अन्य नेताओं के 2013 में शहीद लांसनायक हेमराज सिंह के हत्या के बाद के दिए गया बयानों को याद करते हैं और उम्मीद करते हैं अब जब भाजपा सत्ता में है तो अपने दिए गए बयान को याद करेंगे |
Agar aaj desh ke Pradhan Mantri Narendra Modi hote toh hum Lahore tak pahuch gaye hote-Giriraj Singh,BJP on killing by Pak Army
— ANI (@ANI) August 8, 2013
और हद तो तब हो जाती है जब नेताओं के मूर्खतापूर्ण टिप्पणी आती है इन सैनिकों के लिए जो देश की सुरक्षा के लिए पानी जान दे देते हैं | ऐसी घटना के बाद कल्पना भी नहीं किया जा सकता उस परिवार के तकलीफ को जब घर के एकलौते कमाने वाले की अचानक ऐसी दर्दनाक मौत हो जाये, हम बस दुवा कर सकते हैं की ईश्वर उनके परिवार को ऐसी दुखद समय का सामना करने की हिम्मत और ताकत दे और सरकार को चाहिये की उनके परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करे |
शहीद जवान नरेंद्र सिंह के बेटे का कहना है कि ये हमारे लिए गर्व की बात है क्योंकि हर किसी को तिरंगे में लिपटने का सौभाग्य हासिल नहीं होता, लेकिन हम केवल गौरवान्वित महसूस कर के नहीं रह सकते | आज हम गर्व महसूस कर रहे हैं, कल कोई दूसरा मरेगा तो हम दोबारा गर्व महसूस करेंगे, लेकिन कब तक? हम अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करते हैं | मैं और मेरा भाई दोनों ही बेरोजगार हैं. मेरे पिता ही इकलौते थे जो कमाते थे. अब वो भी नहीं रहे. मैं चाहता हूं कि अधिकारी हमारी हर संभव मदद करें |
बता दें की शहीद नरेन्द्र कुमार मंगलवार सुबह बीएसएफ के आठ अन्य जवानों के साथ गस्ती दल के साथ फेंसिंग के आगे सरकंडा कट रहे थे इसी दौरान पाकिस्तान की बैट टीम ने हमला कर दिया। जिसको पाकिस्तानी रेंजरों ने कवर फायर दिया । इसमें शहीद कांस्टेबल नरेंद्र घायल हो गए और बैट टीम घायल जवान को अपने साथ ले गई और तकरीबन 9 घंटे तक टार्चर करने के बाद शव को बाद तारबंदी के पास उसके शव को फेंक दिया गया। बीएसएफ जवान नरेन्द्र कुमार को तीन गोलियां नज़दीक से मारी गई हैं। इनमें एक दिल के पास, दूसरी जांघ और तीसरी बाईं आंख पर मारी गई है । शव पर कई स्थान पर काटने के निशान मिले। आंखों को निकालने की कोशिश की गई है। नजदीक से तीन गोलियां भी मारी गई |
खबरों के अनुसार शहीद नरेन्द्र कुमार के लापता होने के बाद बीएसएफ ने पाकिस्तान से बात की, इसके बाद पाकिस्तानी रेंजरों ने कहा कि वह लोग मिलकर जवान को ढूंढेंगे । लेकिन जब पाकिस्तानी रेंजर आए तो सिर्फ वहां पर जमा पानी की बात करने लगे । देर शाम को बीएसएफ ने अपने स्तर पर रिस्क लेकर जवान के शव को ढूंढा ।
जम्मू के रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान द्वारा किये गए इस कायरतापूर्ण घटना के बाद दोनों तरफ तनाव को देखते हुए 740 किलोमीटर लंबी एलओसी और 192 किलोमीटर लंबे बार्डर पर हाई अलर्ट जरी कर दिया गया है।
zeenews.india.com में छपे खबर के अनुसार “भारत ने सैन्य अभियान निदेशालय स्तर की वार्ता के दौरान बीएसएफ जवान की हत्या पर पाकिस्तान के समक्ष विरोध दर्ज कराया है”| अब ये बताना बहुत मुश्किल है की कितना कड़ा विरोध जताया लेकिन हमारी सरकार वर्षों से कड़ा विरोध जताने के लिए जनि जाती है | कड़ा विरोध और कड़ी आपत्ती जताने के बाद क्या बदलाव होता है ये तो सैना के शीर्ष अधिकारी या सरकार ही बता सकती है क्योंकि जमीनी स्तर पर आजतक कभी कोई फ़ायदा तो दिखा नहीं, पाकिस्तान हमारे जवानों को निर्मम हत्या करते रहे और हम बस कड़ा विरोध जताते रहे !!