बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए शेल्टर होम मामले ने ना सिर्फ बिहार को बल्कि पूरे देश को शर्मसार कर दिया था. आम जनता को चाहे इस घटना से जितना भी दुःख हुवा हो परंतु नेताओं को शायद इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
इस मामले के आरोपी और नीतीश कुमार की सरकार में पूर्व मंत्री जिसे इस शर्मनाक घटना में संलिप्तता के करन अपना पद छोड़ना पड़ा था, वो बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह के सभा में हँसती हुईऔर इस बात से बिल्कुल बेफिक्र दिखी की वो आर्म्स एक्ट तथा शेल्टर होम मामले में जमानत पर रिहा है और देश को शर्मसार करने वाली घटना में सह आरोपी है. वर्तमान में मंजू वर्मा बेगूसराय के चैरिया-बरियारपूर विधानसभा सीट से विधायक हैं.
इस मामले में राज्य के नीतीश सरकार और केंद्रीय जांच एजेंसी CBI को पहले ही कई बार सुप्रीम कोर्ट से फटकार सुनना पड़ा है यहाँ तक कि शेल्टर होम मामले में जांच कर रही अधिकारी के तबादला करने के कारण CBI के बड़े अधिकारी नागेश्वर राव को सुप्रीम कोर्ट ने दंडित भी किया और राज्य सरकार के लचर रवैये के कारण इस मामले को बिहार से दिल्ली के साकेत कोर्ट में ट्रान्सफर किया.
बता दें कि बिहार मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नाबालिक लड़कियों के शोषण और दुष्कर्म का मामला सामने आने के कई महीने बाद विपक्ष और मीडिया के दबाव के बाद बिहार के नीतीश सरकार ने FIR दर्ज कर CBI जांच की पेशकश की थी. इस मामले में मुख्य आरोपी के अलावा नीतीश कुमार के सरकार में पूर्व समाज कल्याण मंत्री रही मंजू वर्मा और उसके पति पर भी आरोप है. विपक्ष के तरफ से बार-बार ये मांग किया जा रहा है कि नीतीश कुमार को भी जांच के घेरे में लिया जाना चाहिए क्योंकि नीतीश के कार्यालय में ये सब कुछ हुआ और नीतीश कुमार ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को उसके NGO के काम के लिए सम्मानित भी किया था, वो भी उस समय जब उसी NGO के देख रेख में ये सभी घटनाएं हो रही थी. फ़िलहाल इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर लिया गया है और 3 अप्रिल से ट्रायल भी शुरू हो जाएगा.
अखिर, बात बात पर लोगों को पाकिस्तान भेजने की सलाह देनेवाले भाजपा के नेता गिरिराज सिंह बेगूसराय से चुनाव लड़ने को राजी हो गए हैं, ऐसा नहीं है कि गिरिराज के पास कोई दूसरा ऑप्शन था. टिकट फ़ाइनल होते ही बेगूसराय को जन्मस्थान बताने वाले बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता, नवादा के वर्तमान संसद का मुकाबला JNU के छात्र नेता से है जो CPI के तरफ से मैदान में है और ये उनकी पहली चुनाव है.
कन्हैया ने अपने चुनावी सभा में गिरिराज पर जमकर तंज कसा. कन्हैया कुमार ने कहा गिरिराज सिंह नवादा से टिकट कटने के बाद बौखलाए थे और बेगूसराय आना नहीं चाहते थे, जब बात नहीं बनी तो अचानक वो झूठ पर उतर आए और बेगूसराय को जन्मस्थान बताने लगे जबकि वो वास्तविक में पटना जिले के हैं. गिरिराज सिंह और कन्हैया कुमार के अलावा बेगूसराय से राजद के प्रत्याशी तनवीर हसन भी मैदान में है जो 2014 के लोकसभा चुनावों में लगभग 55,000 मतों के अंतर से भाजपा के भोला सिंह से हारकर दूसरे स्थान पर रहे थे. [Video Source: YouTube/WebNews24]
इस बीच गिरिराज ने बेगूसराय में एक चुनावी सभा को संबोधित किया जिसमें मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सह आरोपी और ज़मानत पर रिहा मंजू वर्मा भी मौजूद रही जो गिरिराज के विरोधियों को हमला करने का एक मौका देने जैसा साबित हो सकता है. जिस व्यक्ति पर ऐसे संगीन मामले में शामिल होने का आरोप हो और जो उसी मामले में बेल पर बाहर हों ऐसे नेता अगर ऐसा चुनावी सभा में दिखते हैं तो आप खुद अंदाज़ा लगा सकते हैं उसे आमंत्रित करने वाले की मानसिकता कैसी होगो.
क्या गिरिराज सिंह मंजू वर्मा और उसके करतूतों का समर्थन करते हैं? अगर नहीं तो क्या गिरिराज को परहेज नहीं करना करना चाहिय था? ऐसे लोगों से जो बिहार शेल्टर होम जैसी घिनौनी घटना में संलिप्त होने के आरोप में ज़मानत पर हों? क्या ऐसे में हमें बिहार पुलिस और केंद सरकार के अधीन काम कर रहे जांच एजेंसी पर भरोसा करना चाहिए कि वो मंजू वर्मा जैसे नेता के खिलाफ सही जांच करेंगे?
इन सवालों का जवाब बेगूसराय के जनता को ढूंढना चाहिए वोट देने के पहले, क्या गिरिराज जीतने के बाद मंजू वर्मा जैसे लोगों के लिए काम नहीं करेंगे?