जया के खिलाफ आजम का अभद्र बयान, सुषमा ने द्रोपदी के चीरहरण से की तुलना

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समाजवादी पार्टी के नेता और अक्सर विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहने वाले आजम खान, रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा पर बेहद अश्लील टिप्पणी करके चौतरफा घिर गए हैं. खान ने रविवार को जयाप्रदा का नाम लिए बगैर कहा कि ‘आपको उसकी असलियत पहचानने में 17 साल लग गए लेकिन मैं 17 दिनों में पहचान गया कि वह खाकी अंडरवियर पहनती है’.

यह बयान भारतीय राजनिति के इतिहास में अभद्रता और अश्लीलता के निचले स्तर की नई रिकार्ड कायम कर गया है. यह बहुत शर्मनाक है की कोई भी राजनीतिक पार्टी के बड़े नेता इस तरह का बयान सार्वजानिक मंच से दें. यह और भी दुर्भाग्यपूर्ण हो जाता है जब वैसे अभद्र बयानों का बचाव करने के लिए पार्टी अपने प्रवक्ताओं की फौज सभी टेलीविजन स्टूडियो में भेज देती है, जो अपने सारे विवेक और नैतिकता को किनारे रख इस बेहूदगी का पुरजोर बचाव करते हैं. ये देश और देश की राजनीति के लिए बेहद शर्मनाक है.

विदेशमंत्री सुषमा जी ने इसे महाभारत के घटना से तुलना करते हुए जो बात कही वह पूर्णरूप से तार्किक है क्योंकि यह घटना एक औरत के इज्ज़त को भड़ी सभा में तार तार करने से जुडी है. इस बयान के बाद भाजपा नेताओं ने इसकी कड़ी निंदा की है. सबसे पहले कमान संभाला भारत विदेशमंत्री सुषमा जी ने, उन्होंने आजम के बयान की द्रौपदी के चीरहरण से तुलना करते हुए सीधे मुलायम सिंह यादव से सवाल किया और कहा कि वह भीष्म पितामह की तरह मौन साधने की गलती ना करें।

सोमवार सुबह आजम खान ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि उनकी बात को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि बयान में किसी का नाम नहीं लिया गया, अगर वह दोषी साबित होंगे तो चुनाव नहीं लड़ेंगे. आजम खान ने कहा कि मैं रामपुर से नौ बार विधायक रहा हूं, इतना मुझे पता है क्या कहना है, अगर कोई यह साबित कर दे कि मैंने किसी नाम लिया और उसपर टिप्पणी की, तो मैं चुनाव से हाथ पीछे कर लूंगा.

इसके तुरंत बाद आजम खान की टिप्पणी पर जया प्रदा का बयान आया है. उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए कोई नई बात नहीं है. जया प्रदा ने कहा कि आजम ने हद पार कर दी है. मेरा चरित्र हनन किया जा रहा है. हमारी रक्षा कौन करेगा. जयाप्रदा ने कहा कि उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. अगर वह जीत गए, तो लोकतंत्र का क्या होगा? समाज में महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं होगी, हम कहां जाएंगे? क्या मुझे मर जाना चाहिए, तब आप संतुष्ट होंगे? आप सोचते हैं कि मैं डर जाऊंगी और रामपुर छोड़ दूंगी? लेकिन मैं नहीं छोड़ूंगी. आजम खान को हराकर छोड़ूंगी. आजम खान आदत से मजबूर हैं. वो सुधर नहीं सकते हैं.

वही महिला आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए इसकी कड़ी निंदा की है और जवाव तलब किया हैं.

उम्मीद करते हैं की भारतीय राजनीती के युवा चेहरों में से एक अखिलेश यादव इस मुद्दे की गंभीरता को समझेंगे और संवेदनशीलता दिखाते हुए उचित कदम लेंगे. वरना वो दिन दूर नही जब कोई और डिंपल यादव और अखिलेश के किसी और सम्बन्धी को इसी तरह के उपलब्धियों से नवाजे जायेंगे. इस शर्मनाक घटना के समय उसी मंच पर अखिलेश जी भी मौजूद थे, लेकिन वो सुनते रहे. सामने खड़ी जनता सुनकर खुश हो रही थी सो अलग, सिर शर्म से झुक जाता है कि जिसे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हैं वहां ऐसे ऐसे नेता भी हैं