“भारत में सब अच्छा है, सब चंगा सी”, प्रधानमंत्री ने कुछ इसी प्रकार अमेरिका में अपने Howdy Modi कार्यक्रम का आग़ाज़ किया था. ठीक है हम विदेशी धरती पर अपने देश में ख़राब हालत की बात तो कर नहीं सकते लेकिन देश के अंदर तो कर सकते हैं. मोदी सरकार चाहे कुछ भी बोले या कैसे भी बोले लेकिन हक़ीक़त ये है भारत में सब अच्छा नहीं है.
देश आम आदमी से जुड़े कई मुद्दों में रेकर्ड निचले स्तर पर है, फिर चाहे वो रोज़गार हो या अर्थव्यवस्था या महँगाई, जहाँ हर साल करोड़ों नौकरियाँ देनी की बत थी वहाँ नौकरियाँ मिल तो नहीं रही लेकिन लोगों की नौकरियाँ जा ज़रूर रही है. ये बात अलग है की आज भी जहाँ चुनाव है वहाँ करोड़ों नौकरियाँ देने की बात की जा रही वहीं जहाँ चुनाव नहीं है वहाँ सरकार हज़ारों लोगों की नौकरियाँ खा रही है.
अब तो सरकार में क़ानून मंत्री रवि शंकर ने भी बोल दिया है की हमने नहीं कहा था की सबको नौकरियाँ देंगे, चलिए मान लेते हैं आपने नहीं कहा था; हर साल ढाई करोड़ नौकरियाँ देने वाली बात को भी जुमला मान लेते हैं, लेकिन, रवि शंकर प्रसाद और उनकी पार्टी ने कहा तो ये भी नहीं था की लोगों की नौकरियाँ खाएँगे पर नोटबंदी के बाद से हीं लाखों लोगों ने नौकरियाँ गँवाई, कई छोटी-बड़ी कंपनियाँ कंगाल होकर बंद हो गई.
बात तो हम 5 ट्रिल्यन इकॉनमी बनने और सूपर पावर और विश्व गुरु बनने की करते हैं लेकिन सूपर-पावर और विश्व गुरु बनने की ये कैसी कल्पना है जहाँ देश के नागरिकों को भरपेट खाना को नहीं मिल पा रहा है. ये देश के लिए बेहद शर्मनाक बात है की, पकिस्तना, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका जैसे छोटे देश जिनकी इकॉनमी भारत के समने कुछ भी नहीं है वो देश भी भारत से अच्छा कर रहा. ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत 117 देशों की रैंकिंग में 102वें नंबर पर है.
हालाँकि मौजूदा सरकार के पहले भी भारत इस मामले में कुछ अच्छा नहीं कर पा रहा था लेकिन 2014 में विकास की लहर आने के बाद से भारत की रैंकिंग में लगातार गिरावट हो रही है. 2014 में भारत 77 देशों की रैंकिंग में 55 नंबर पर था अब 117 देशों की रैंकिंग में 102वें नंबर पर है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) में पाकिस्तान 94वें नंबर पर, बांग्लादेश 88वें नंबर पर और श्रीलंका 66वें नंबर पर है और भारत 102वें नंबर पर है.
हंगर इंडेक्स की इस रिपोर्ट को बनने वाली संस्था Welthungerhilfe और Concern Worldwide का कहना है कि भारत दुनिया के उन 45 देशों में शामिल है जहां भूख को लेकर स्थिति गंभीर चिंताजनक है. यों तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर को ग्रामीण भारत को खुले में शौच से मुक्त कर दिया था, लेकिन रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ग्रामीण भारत में लोग अभी भी खुले में शौच जाते हैं.
क्या है हंगर इंडेक्स?
हंगर इंडेक्स वैश्विक, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर भूख को मापने का एक पैमाना है, यह दुनिया भर में कुपोषण और भूख को चार पैमानों पर रिकॉर्ड करता है. ये आंकड़े हैं कुपोषण, बाल मृत्युदर, उम्र के अनुपात में कम विकास (Child stunting), लंबाई के अनुपात में कम वजन (Child wasting).