हल ही बिहार बोर्ड बारहवीं का रिजल्ट आया, पिछले 2 साल की गलतियों से सिख लेते हुए अधिकारियों ने नीट मे टॉप रैंक लाने वाले को ही टोपर घोषित करके अपना काम ख़तम समझ लिया | हलाकि टॉप 100 से टॉप 10 सेलेक्ट की प्रक्रिया को लेकर भी अलग अलग तरह की बातें सामने आ रही है, जिसकी बात हम कभी और लेंगे |
अब इसे बिहार बोर्ड का स्तर कहिये या करिश्मा की JEE Main के परिक्षा पास करने वाले विद्यार्थी बारहवीं मई पास मार्क्स तक ना ला पाए. ऐसे तो ये एक सयोंग भी हो सकता है कि किन्हीं वजहों से छात्र ने सही से प्रश्नों के उत्तर नही दिए और खुद की गलती से पास होने लायक मार्क्स नही जुटा सके | परन्तु जब मार्क्स पर नजर डाला जाये तो सब आसानी से समझ मई आ जाता है| उदहारण के तौर पर हमने कुछ अकरें रखने की कोशिस की है | 50 अंक के राष्ट्रभाषा हिंदी के 25 अंक के थ्योरी पेपर में उसे 28 अंक मिला है। 25 अंक के ऑब्जेक्टिव में शून्य अंक है। अल्टरनेटिव इंग्लिश में भी इसी तरह थ्योरी भाग में 25 अंक में 36 दिया गया है। वहीं ऑब्जेक्टवि भाग में शून्य अंक दिया गया है और भी कई उदाहण है |
इसे देख हम सभी अंजादा लगा सकते है की शिक्षा विभाग मे किस हद तक अनियमितता फैली हुई है | यह हमारे मख्यमंत्री के नाक के निचे चल रहा है और उनको इसकी न तो खबर है और ना ही फिकर |
Bahut badhiya
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