बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नितीश कुमार के हालिया नोटबंदी वाले बयान ने बिहार और देश के राजीनीति में नयी सुगबुगाहट ला दी है | बिहार में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ और राजद के साथ मिलकर नितीश कुमार ने अपार बहुमत पाया और महागठबंधन की सरकार भी बनी | हलाकि वो सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चल पायी जब बिहार में सामने आये हजारों कड़ोर के स्रीजन घोटाला/फर्जीवाड़े के सामने आने के ठीक पहले नितीश कुमार ने जनता द्वारा चुने गए महागाथबंदन की सरकार से इस्तीफा दे दिया | नितीश कुमार ने इस्तीफा देने के ठीक बाद भाजपा के साथ नयी सरकार बना ली, इस्तीफा देने से सरकार बनने की पूरी प्रक्रिया महज कुछ घंटों में हो गया |
ये बहुत ही विचित्र घटना थी क्योंकि बिहार के इलेक्शन में भाजपा, और महागठबंधन के सभी नेतावों ने एक दुसरे पर जम कर किचर उछाला जिसमे राजनितिक प्रतिस्प्रधा की सरे हदें टूट गयी, इसमें प्रधान मंत्री मोदी हो, नितीश कुमार, लालू यादव, से लेकर अमित सह और शुशील मोदी तक सबने दिल खोलके अलूल जलूल बयानबाजी किया | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो नितीश पर कटाक्ष करते हुए डीएनए ख़राब होने तक की बात कर दी और नितीश ने जवाब देते हुए एक अभियान चलाकर डीएनए सैंपल भी दिल्ली भिजवाये थे |
इतना कुछ होने के बाद जब नितीश ने महागथबंधन से नाता तोड़ के भाजपा के साथ मिलके सरकार बनाया तो सब हैरान रह गए | हालांकि नितीश पहले भी भाजपा के साथ कई बार केंद्र और राज्य में सरकार में रहे हैं लेकिन भाजपा के द्वारा मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए सामने करने के कारण वो बिहार के तत्कालीन राजग की सरकार को गिरा कर राजग या NDA से अलग हो गए थे |
तो, नितीश कुमार का सरकार बनाने और गिराने तथा साथ पकड़ने और छोड़ने का रिकॉर्ड कुछ ऐसा है की नितीश विरोधी उन्हें ‘पलटू राम’ और “ऐसा कोई सगा नहीं जिसको नितीश ने ठगा नहीं” और पता नहीं ऐसे कितने मुहावरे उनके पुराने साथियों द्वारा बनाया गया और जमकर कोसा भी गया |
हाल के दिनों में नितीश ने जब अपने नोटबंदी पर दिए पुराने बयान जिसमे वो नोटबंदी को सराहने कर चुके थे उससे अलग एक बयान दिया जिसमे वो नोटबंदी को असफल बता रहे थे, साथ ही अपने एक ट्वीट में उन्होंने अरुण जेटली को शुक्रिया अदा किया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र तक नहीं किया जिसके बाद ये कयास लगाना स्वाभाविक है की कही नितीश कुमार फिर से पलटी तो नहीं मरने वाले हैं ?|
जैसा की आपको पता होगा अगले साल यानि 2019 में लोकसभा इलेक्शन है और इसके लिए सभी राज्य स्तर की पार्टियाँ कांग्रेस के साथ मिलके एक साथ मोदी के खिलाफ खड़ी हो रही है जिसमें प्रधानमंत्री के लिए राज्य स्तर की पार्टियाँ में से ही किसी को सामने किया जा सकता है | नितीश कुमार जानते हैं की अगर वो इस महागठबंधन का हिस्सा होते तो वो मोदी के उपर बिहार में मिले विराट जीत के कारण इस महागठबंधन एक प्रमुख चेहरा जरुर होते |
जदयू के सीट बटवारे को लेकर आए बयान के बाद अब इसकी सम्भावना और ज्यादा हो गयी है की बिहार में भाजपा और जदयू के सब कुछ ठीक नहीं है, जदयू के पार्टी मीटिंग में पार्टी ने 2019 में होनेवाले लोकसभा इलेक्शन के बारे में बताया की जदयू बिहार में राजग के बारे भाई के तरह चुनाव लरेंगे और जदयू 25 सीटों पर इलेक्शन लरेगी | बिहार में कुल 40 लोकसभा सीटें है जिसमे अभी भाजपा के पास 22, राम विलास पासवान की पार्टी लोजपा के पास 6 और 3 सीटें उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के पास है ऐसे में सिर्फ 2 सीटों वाली पार्टी जदयू को 25 सीटें मिलना इतना आसन नहीं होगा, और कहीं इसी बहाने नितीश कुमार और उनकी पार्टी भाजपा का साथ छोड़के फिर से सरकार ना गिरा दें |
आने वाले कुछ दिनों में या कुछ महीनों में नितीश फिर से भाजपा का साथ ये कह कर छोड़ दें की उन्हें बिहार के लिए किया गया वादा जिसमे प्रमुख विशेष राज्य का दर्जा है पूरा नहीं किया गया तो मुझे नहीं लगता है की किसी को बहुत आशचर्यता होगी | हालांकि किसी के लिए भी अब ये यकीन करना थोड़ा कठिन होगा की नितीश कुमार सच में बिहार के भलाई के लिए किसी पार्टी के साथ जा रहे या किसी पार्टी से अलग हो रहे |
सभी राष्ट्रीय हिंदी न्यूज़ चैनेलों ने नितीश के इस बयान को दिखाया भी है और विश्लेषण भी किया है, ऐसे ही एक न्यूज़ चैनल ABP news का विडियो नीचे है आप इसे निचे प्ले बटन क्लिक/टच करके देख सकते हैं.