भाजपा द्वारा प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से लोकसभा उम्मीदवार बनाना महज एक संयोग नहीं हो सकती, कहीं भाजपा प्रज्ञा ठाकुर के बहाने कट्टर हिंदुत्व को मुख्यधारा में लाने का प्रयास तो नहीं कर रही? प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव बम विस्फोट मामले में लंबे समय तक प्रमुख आरोपी के तौर पर जेल में बंद रही और फ़िलहाल ख़राब सेहत के कारण ज़मानत पर बाहर है, प्रज्ञा ठाकुर भोपल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार भी है. भोपाल लोकसभा सीट लंबे समय तक भाजपा के खाते में रहा है इसके वावजूद वहाँ के सिटिंग एमपी का टिकट काट कर आतंकी गतिविधि में सम्मिलित होने जैसे संवेदनशील मामले में ज़मानत पर रिहा वक्ति को सत्तारूढ़ और खुदको देशभक्त बताने वाली पार्टी भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है.
प्रज्ञा ठाकुर ने भोपल से भाजपा की उम्मीदवार बनने के बाद एक से एक बेतुकी बयानबाज़ी किया है जिससे देश के लोग आहत हुए और उन्हें माँफी भी माँगनी परी. ये वही प्रज्ञा ठाकुर है जिसने मुंबई बम ब्लास्ट में शाहिद हुए मुंबई के एटीएस प्रमुख हेमंत कड़कड़े का अपमान कर चुकी है. भोपाल से भाजपा उम्मीदवार ने कहा था कि मालेगांव बम धमाके के मामले में गिरफ्तारी के बाद करकरे ने उन्हें यातनाएं दी थीं और उनके शाप की ही वजह से आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला. बाद में देश भर में इस बयान का विरोध होने के बाद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने बयान के लिए माँफी माँग लिया था. लेकिन क्या माँफी माँगने से आतंकियों से लरते हुए शाहिद हुए पुलिस अधिकारी के अपमान की भरपाई हो जाती है? सिर्फ़ इतना नहीं प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कई ऐसे बयान भी दिया है जो मूर्खतापूर्ण और अंधविश्वास फैलाने वाला है, ऐसा हीं एक बयान था गौ मूत्र (पेशाब) से अपनी कैन्सर ठीक होने की बात करना.
फ़िलहाल प्रज्ञा सिंह ठाकुर जिस बयान को लेकर चर्चा में है उसे अगर मूर्खता और बेशर्मी का नया न्यूनतम स्तर कहा जाए तो ग़लत नहीं होगा. जाने माने अभिनेता और हाल में नेता बने कमल हसन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने राष्ट्रपिता मोहन दास करमचंद गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे को देशभक्त बता दिया है. महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का उल्लेख करते हुए कमल हासन ने रविवार को कहा था कि ‘आजाद भारत का पहला उग्रवादी एक हिंदू था.’
पत्रकारों ने जब प्रज्ञा ठाकुर से सवाल किया कि कमल हासन ने नाथूराम गोडसे को हिंदू आंतकवादी बताया था, इस बारे में वह क्या कहना चाहती हैं? इसके जवाब में प्रज्ञा ने कहा, ‘नाथूराम गोडसे देशभक्त थे. देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। उन्हें हिंदू आतंकवादी बताने वाले लोग स्वयं के गिरेबान में झांककर देखें। अबकी बार चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा.’
#WATCH BJP Bhopal Lok Sabha Candidate Pragya Singh Thakur says 'Nathuram Godse was a 'deshbhakt', is a 'deshbhakt' and will remain a 'deshbhakt'. People calling him a terrorist should instead look within, such people will be given a befitting reply in these elections pic.twitter.com/4swldCCaHK
— ANI (@ANI) May 16, 2019
सोशल मीडिया पर इस बयान के बाद प्रज्ञा ठाकुर और भाजपा की बहुत आलोचना हुई, लोगों ना सवाल उठाया “अगर नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, तो क्या महात्मा गांधी देशद्रोही थे?”. भाजपा एक बार फिर से बिना किसी कार्रवाई किए इस मामले से पल्ला झार रही है. भाजपा ने इस बयान की निंदा की और कहा की पार्टी प्रज्ञा ठाकुर से सफाई माँगेगी, पार्टी की ओर से जीवीएल नरसिम्हा ने आगे कहा की प्रज्ञा ठाकुर को इस बयान के लिए माँफी माँगनी चाहिए.
GVL Narasimha Rao, BJP on Pragya Singh Thakur's statement "Nathuram Godse was, is & will remain a 'deshbhakt": BJP does not agree with this statement, we condemn it. Party will ask her for clarification, she should apologise publicly for this statement. pic.twitter.com/yBEs8nQoWW
— ANI (@ANI) May 16, 2019
प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर कांग्रेस पार्टी के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा “अब साफ है, भाजपाई हैं गोडसे के वंशज! भाजपाई बताते हैं गोडसे को देशभक्त और शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही! हिंसा की संस्कृति और शहीदों का अपमान ही है भाजपाई डीएनए!”
अब साफ है, भाजपाई हैं गोडसे के वंशज!
भाजपाई बताते हैं गोडसे को देशभक्त और शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही!
हिंसा की संस्कृति और शहीदों का अपमान ही है भाजपाई डीएनए! https://t.co/Ux404Jhoie
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) May 16, 2019
हालाँकि हंगामा होते देख प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपने बयान के लिए माँफी माँग लिया है परंतु सवाल फिर वही है, क्या माँफी माँग लेना या वक्तिगत बयान बता कर पल्ला झार लेना काफ़ी है ऐसे बयानों के लिए? मुझे नहीं लगता! ये बस एक मामूली राजनीतिक या कोई वक्तिगत बयान नहीं है, भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर का ये बयान एक सोच को दिखता है, जो बात पहले दबी ज़ुबान में कही जाती थी अब वो खुलेआम बोली जा रही है. अगर इसके बाद भी भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी या पार्टी के अध्यक्ष अमित साह के तरफ़ से कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो ये बहुत हीं दुखद होगा, और चाहे भाजपा के लोग इस बयान को कितना भी वक्तिगत बताएं इसे पार्टी के सोच से जोड़कर देखा जाएगा और ये हमेश भाजपा का पीछा करती रहेगी.
नाथूराम गोडसे ने भारत के इतिहास के सबसे बड़े नेता और अहिंसा के पुजारी के रूप में पूरी दुनियाँ में मशहूर वक्ति महात्मा गांधी की हत्या की है. नाथूराम गोडसे को हत्यारा कहने में कोई दोराय नहीं होनी चाहिए, हालाँकि कमल हसन द्वारा उसे धर्म से जोड़कर दिए गए बयान से भी में सहमत नहीं हूँ.