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जम्मू-कश्मीर पुलिस से बर्खास्त डीएसपी देविंदर सिंह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में कुछ एजेंट्स के संपर्क में था. सूत्रों ने यह भी खुलासा किया है कि देविंदर सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी बात करता था.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने डीएसपी देविंदर सिंह और हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकवादियों के खिलाफ जांच का जिम्मा अपने हाथों में ले लिया है. एनआईए के एक प्रवक्ता ने कहा कि सिंह और तीन आतंकवादियों के खिलाफ मामला फिर से दर्ज किया गया है, जिन्हें एक कार में यात्रा करते समय हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया गया था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय से आदेश मिलने के बाद एनआईए ने मामला दर्ज किया. इससे पहले, एनआईए अधिकारियों की एक टीम, जिसमें एक इंस्पेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी शामिल थे, श्रीनगर पहुंचे और पुलिस से जम्मू और श्रीनगर में सभी जानकारी एकत्र की.
सिंह को 11 जनवरी को हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर नवीद बाबू, उसके साथी रफी और इरफान नाम के एक वकील के साथ कुलगाम के पास राजमार्ग पर एक कार से गिरफ्तार किया गया था. वह कथित रूप से इरफान के साथ पाकिस्तान यात्रा करने में मदद करने के लिए बाबू को जम्मू ले जा रहे थे.
सिंह, जो श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एंटी-हाइजैकिंग स्कवाड में तैनात थे, को बीते सोमवार को सेवा से निलंबित कर दिया गया और संभवत: 15 अगस्त, 2019 को मिले आतंकवाद-रोधी अभियानों के लिए वीरता पदक सहित उनके सभी पुरस्कार छीन लिए जाने की संभावना है.
जम्मू कश्मीर पुलिस ने हाल ही में कहा था कि ऐसी खबरें सही नहीं हैं कि देविंदर सिंह को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा वीरता पदक से नवाजा गया था. पुलिस ने कहा कि उन्हीं के नाम के एक अन्य अधिकारी को पदक मिला था