लॉकडाउन के बाद जगह-जगह फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाने की मांग तेजी से बढने लगी है। राज्य सरकार ही नहीं स्थानीय सांसदों पर भी दबाव बन रहा है। ऐसे में संभावनाए भी ढ़ूंढ़ी जा रही है कि कैसे लॉक डाउन में ही जगह-जगह फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाई जाए। इसका सबसे बड़ा माध्यम रेलवे है लिहाजा रेलवे भी अपने तरफ से तैयारी में है। अगर केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलती है तो कुछ स्पेशल ट्रेन ग्रीन जोन में चलाई जा सकती है। हालांकि अधिकारिक तौर पर रेलवे ने स्पष्ट तौर पर इससे इंकार किया है।
सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ऑनलाइन कान्फ्रेंसिंग होने वाली है। ऐसे में संभव है कि कुछ राज्य जगह-जगह फंसे लोगों को अपने राज्य में बुलाने की चर्चा करें। ऐसी स्थिति में रेलवे कुछ स्पेशल ट्रेन चला सकती है। ताकि लोगों को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाई जा सके। रेलवे सूत्रों के अनुसार अगर स्पेशल ट्रेन इनके लिए चलती है तो रास्ते में यह ट्रेन ना ही कहीं रूकेगी और ना ही यात्री ही ट्रेन को रोक सकते है। ट्रेन एक निश्चित गंतव्य से चलेगी और वहीं रूकेगी जहां के लिए स्वीकृति मिली है।
इस स्पेशल ट्रेन से कौन यात्रा करेगा इसकी स्वीकृति राज्य सरकार की तरफ से मिलेगी। यात्रा के लिए किसी तरह का शुल्क भी यात्रियों से नहीं वसूला जाएगा। कोरोना वायरस के फैलते हुए संक्रमण को ध्यान में रख ट्रेन ही नहीं स्टेशन पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा। ऐसी स्पेशल ट्रेन अगर चलती है तो नॉन एसी भी चलेंगी जिसमें बीच वाले बर्थ पर किसी को बैठने की इजाजत नहीं होगी। स्पेशल ट्रेन के साथ एक आइसोलेटेड कोच भी चलेगी। जिसमें डॉक्टरों की टीम रहेगी। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार अभी किसी तरह की ट्रेन चलाने की योजना नहीं है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे की तैयारी हर समय रहती है। ट्रेन चलाने के लिए सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से हरी झंडी मिलनी चाहिए। फिलहाल कोई निर्णय नहीं है। जब भी ट्रेन चलेगी पहले नोटिस जारी की जाएगी। कोविड-19 की वजह से एक विभाग निर्णय नहीं ले सकता है।