ख़बर है कि बिहार एसटीइटी-2019 के रिजल्ट को लेकर हो रहे आंदोलन को दूर करने के लिए बनी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंप दी है़. हालांकि, अभी तक रिपोर्ट सौंपे जाने की पुष्टि विभागीय अफसरों ने नहीं की है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं की दो से तीन दिनों में शिक्षा विभाग की ओर से इसके बारे में आधिकारिक सूचना जारी कर दी जायेगी.
शायद इसी कारण शिक्षा मंत्री बार बार ये बयान दे रहे हैं की बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा-2019 के विवाद का समाधान निकाल लिया गया है. सभी क्वालिफाइड अभ्यर्थी आगामी सभी शिक्षक नियोजन के लिए जीवनपर्यंत पात्र माने जायेंगे. बशर्तें वह नियोजन की उम्र सीमा के दायरे में आते हों. उन्होंने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में साफ किया कि एसटीइटी के रिजल्ट का विवाद समाप्त कर लिया जायेगा.
कहा जा रहा है की कमेटी की सिफ़ारिश के अनुसार मेरिट लिस्ट का महत्व सांकेतिक रहेगा. जैसा कि शिक्षा मंत्री ने कहा है नियोजन की पात्रता सभी STET-19 क्वालिफ़ायड को रहेगी. यही नहीं सभी क्वालिफाइड अभ्यर्थी सभी शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए पात्र रहेंगे.
शिक्षा विभाग द्वारा नियोजित शिक्षकों के लिए वर्ष 2020 में प्रभावी की गयी सेवाशर्त अनुसार हो सकती है बहाली की प्रक्रिया. इस नियमावली में प्रावधान किया गया है कि भविष्य में शिक्षकों की होने वाली नियुक्तियों की मेरिट लिस्ट बनाने में ग्रेजुएशन, बीएड और अन्य जरुरी डिग्रियों के मार्क्स को जोड़े जायेंगे. STET के अंक नहीं जोड़े जायेंगे.
इस आधार पर एसटीइटी में सिर्फ पास करना ही अनिवार्य है. ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग अब जो लिस्ट जारी करेगा, उसमें सभी उत्तीर्ण अभ्यर्थी सातवें चरण के लिए क्वालीफाइड माने जायेंगे और ग्रेजुएशन, बीएड और बहाली के लिए जरुरी अन्य डिग्रियों में जिन अभ्यर्थियों अधिक अंक होंगे उन्हें चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी.