भारत सरकार अभी भी खास्ता GDP और कमर टूट चुकी आर्थिक वेवस्था की स्वीकार नहीं कर रही यही कारण है दिन ब दिन हालत और भी बिगारती जा रही है. अब वर्ल्ड बैंक से आयी रिपोर्ट इनकार की मुद्रा में चल रही सरकार के लिए तो नहीं लेकिन जनता के लिए चिंताजनक ज़रूर है. वर्ल्ड बैंक ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है. वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि इस वित्त वर्ष यानी 2019-2020 में भारत की जीडीपी में बढ़त दर सिर्फ 5 फीसदी रह सकती है. इसके बाद अगले वित्त वर्ष में भी भारत के जीडीपी में सिर्फ 5.8 फीसदी बढ़त का वर्ल्ड बैंक ने अनुमान लगाया है.
यही नहीं, वर्ल्ड बैंक के अनुसार हमारी GDP ग्रोथ रेट अपने परोसी देश बांग्लादेश से भी कमजोर रहने का अनुमान है, वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि भारत से तेज बढ़त दर बांग्लादेश की होगी जहां इस वित्त वर्ष में जीडीपी में 7 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है.
वर्ल्ड बैंक के ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का कर्ज वितरण कमजोर बना हुआ है. इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके अगले वित्त वर्ष में इसमें थोड़ा सुधार होगा और यह 5.8 फीसदी तक हो सकता है.”
भारत सरकार के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा जारी पूर्वानुमान में भी कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में महज 5 फीसदी की बढ़त होगी. मंगलवार को भारत सरकार की ओर से जीडीपी के पूर्वानुमान के आंकड़े पेश किए गए जिसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 5 फीसदी रह सकती है. इससे पहले 2018-19 में वास्तविक ग्रोथ 6.8% रही थी. वहीं वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी थी.
साल 2008-09 यानी 2008 की वैश्विक मंदी वाले दौर में देश की जीडीपी 5 फीसदी से नीचे सिर्फ 3.1 फीसदी थी तब केंद्र में UPA की सरकार थी और जाने माने अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे.