इस्लामिक स्टेट ने ली श्रीलंका में ब्लास्ट की जिम्मेदारी, तौहीद जमात के सहयोग से दिया अंजाम

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श्रीलंका में रविवार को देश के हुए विस्फोटों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है. वहीं दूसरी ओर विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 321 हो गई जिनमें 38 विदेशी शामिल हैं. श्रीलंका में हुए सबसे घातक हमले में 10 भारतीयों की भी मौत हुई है.

ये विस्फोट स्थानीय समयानुसार रविवार (21 अप्रैल) को सुबह साढ़े आठ बजे ईस्टर प्रार्थना सभा के दौरान कोलंबो के सेंट एंथनी चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च और बट्टिकलोवा के एक चर्च में हुए थे. वहीं अन्य तीन विस्फोट पांच सितारा होटलों – शंगरीला, द सिनामोन ग्रांड और द किंग्सबरी में हुए.

श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने प्राथमिक जांच के परिणाम का उल्लेख करते हुए मंगलवार को संसद को जानकारी दी कि ईस्टर के मौके पर रविवार को देश के गिरजाघरों और लग्जरी होटलों में हुए विस्फोटों को स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों ने अंजाम दिया था. उन्होंने बताया कि ये विस्फोट न्यूजीलैंड की मस्जिदों में की गई गोलीबारी का बदला लेने को किये गये थे.

विजेवार्डेने ने संसद से कहा, ”शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि श्रीलंका में (रविवार को) जो कुछ हुआ वो क्राइस्टचर्च में मुसलमानों पर हुए हमले का बदला था.” उन्होंने कहा कि हमले से पहले कुछ सरकारी अधिकारियों को भेजे खुफिया मेमो के मुताबिक, श्रीलंका में हमले के लिए जिम्मेदार इस्लामी कट्टरपंथी संगठन के सदस्य ने क्राइस्टचर्च हमले के बाद सोशल मीडिया पर ‘चरमपंथी’ सामग्री पोस्ट की थी.

प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने रविवार को हुए हमले के बारे में कहा है कि ”वैश्विक आतंकवाद” श्रीलंका पहुंच रहा है. विक्रमसिंघे ने संसद में कहा कि श्रीलंका ने 2009 तक राजनीतिक उद्देश्य के आतंकवादी अभियान का सामना किया लेकिन ये हमले उस प्रकृति से अलग के थे. 2009 में लिट्टे के साथ तीन दशक लंबी लड़ाई उसकी हार के साथ खत्म हो गई थी. उन्होंने कहा, ”मुसलमान समुदाय इन हमलों के खिलाफ है. सिर्फ कुछ ही इन हमलों में शामिल हैं.”

इसी बिच एक संदिग्ध आत्मघाती हमलावर का सीसी टीवी फुटेज सामने आया है जो तटीय शहर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्टियन चर्च के हमले में शामिल था.