11 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में स्थानीय पुलिस अधिकारी डीएसपी दविंदर सिंह दो आतंकियों के साथ श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर एक गाड़ी में सफर करते वक्त पकड़ा गया. दविंदर सिंह को पिछले वर्ष 15 अगस्त 2018 को J&K सरकार ने वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया था. 2013 में दविंदर सिंह तब चर्चा में आया था जब संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु द्वारा लिखी गई एक चिट्ठी, जिसमें दावा किया गया था अधिकारी ने उसे संसद हमले के एक आरोपी को साथ दिल्ली ले जाने और उसके रहने की व्यवस्था करने को कहा था.
श्रीनगर जैसे संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात डीएसपी दविंदर सिंह को कुलगाम जिले के वनपोह में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी नवीद बाबू के साथ पकड़ा गया. बाबू पर अक्टूबर और नवंबर महीने में दक्षिण कश्मीर में 11 गैर कश्मीरियों की हत्या में शामिल होने का आरोप है जिनमें मजदूर और ट्रक ड्राइवर शामिल थे.
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद इन गैर कश्मीरियों की हत्याएं की गयी थी. मीडिया में चल रही ख़बरों के अनुसार पुलिस नवीद बाबू की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे और जब उसने अपने भाई को फोन किया तो उसके ठिकाने का पता चला. पुलिस ने वनपोह में एक गाड़ी को रोका जिसमें हिजबुल आतंकी जो कि एक पूर्व विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भी रहा है, उसके साथी आसिफ और डीसीपी दविंदर सिंह यात्रा कर रहे थे.
श्रीनगर के बादामी बाग छावनी इलाके में स्थित दविंदर सिंह के घर से पुलिस ने एक एके-47 राइफल और दो पिस्तौल बरामद किया. नवीद बाबू के कबूलनामे के आधर पर एक अन्य एके राइफल और पिस्तौल बरामद किए गए.
पुलिस इस बात कि जाँच कर रही है कि ये आतंकी पुलिसवाले की मदद से दिल्ली क्यों जा रहे थे.