पहले से ही अमानवीय वेव्हार और अन्याय किस की शिकार हो चुकी बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की पीड़िता के साथ फिर से चलती गाड़ी में गैंगरेप किया गया. अगर लोगों को ये लग रहा है की बिहार के शेल्टर होम में चल रहे काले कारनामे से पर्दा हटने के बाद बिहार की नितीश सरकार और प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रही है तो ये सही नहीं होगा, क्योंकि आय बिहार में जिस तरह से अपराधियों का तांडव हो रहा उससे ऐसा अलग रहा है की बिहार में फिर से जंगल राज लौट गया है और इस बार हालत पहले से भी ख़राब है.
अपराधियों के हौसले किस तरह से बुलंद है उसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की जिस मामले ने देश को झकझोर के रखा दिया, जिस मामले की जाँच सीबीआई सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कर रही है उसी केस से जूरी एक पीड़िता से चलती गाड़ी में गैंगरेप हो जाता है. क्या ये काफी नहीं है ये समझने के लिए की बिहार की सरकार और कानून वेवस्था कैसे अपराधी और ताकतवर लोगों के सामने नतमस्तक है?
पीड़िता द्वारा की गयी शिकायत के अनुसार, वह शुक्रवार रात पड़ोस में किसी परिचित के घर जा रही थी. इसी दौरान चारपहिया वाहन में सवार चार युवकों ने उसे गाड़ी में खींच लिया. सभी युवक अपने चेहरे नकाब से छिपाए हुए थे. चारों ने चलती गाड़ी में उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर उसे वापस मोहल्ले के पास छोड़ कर फरार हो गए. शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने नकाब पहना हुआ था, लेकिन विरोध के दौरान पीड़िता उनका नकाब हटाने में कामयाब रही. सभी युवक एक ही परिवार के हैं जिनमें दो सगे भाई बताए गए हैं.
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मामले में संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के लिए सोमवार को एक समिति गठित की. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा के नेतृत्व वाली समिति 19-20 सितंबर को बिहार का दौरा करेगी. शर्मा ने मीडिया को कहा कि बिहार में अपराध दर में वृद्धि हुई है. समिति की सदस्य पीड़िता और पुलिस महानिदेशक से बातचीत करने के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात कर सकती हैं. शर्मा ने ट्वीट किया- हम पीड़िता को सभी तरह की मदद मुहैया कराएंगे, हमें उसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी. बता दें की बिहार मुजफ्फरपुर शेल्टर होम 2018 में मीडिया की सुर्खियों में आया था जब एक रिपोर्ट के अनुसार शेल्टर होम की 30 से अधिक लड़कियों से दुष्कर्म किए जाने की शिकायत मिली थी.