पश्चिम बंगाल में कई दिनों से जारी डॉक्टरों की हड़ताल अब समाप्ति की ओर में बढ़ता दिख रहा है. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शनिवार की शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की. उन्होंने कहा कि हम किसी तरह का बल प्रयोग नहीं कर रहे हैं, हमने सारी मांगे मान ली है. उन्होंने कहा कि किसी संवैधानिक पद पर बैठे शख़्स से बातचीत करने के लिए सरकारी दफ्तर सबसे बेहतर जगह है.
वहीं दूसरी ओर, 6 दिनों से हरताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी की अपील के बाद सरकार के तरफ़ से किसी भी तरह की कोई ईमानदार पहल को नकारते हुए कहा की प्रदर्शन जारी रहेगा. पश्चिम बंगाल के कोलकाता में 75 साल के वृध की हार्ट अटैक से मौत के बाद डॉक्टर के साथ गुंडागर्दी की गई, काम पर तैनात डॉक्टरों को बुरी तरह मारा पिटा गया जिसके बाद डॉक्टरों ने काम बंद कर हड़ताल पर जाने के निर्णय किया, मामला प्रकाश में आने के बाद एआईआईएमएस समेत देश भर के डॉक्टरों ने इस आंदोलन का समर्थन किया है.
हड़ताली डॉक्टरों ने सीएम ममता बनर्जी से सचिवालय में जाकर मुलाकात से इनकार कर दिया है. इस बीच खबर है कि ममता ज़ख़्मी डॉक्टरों से मिलने जा सकती हैं, जो इस वक्त प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच सुलह के आसार नजर आ रहे हैं और शायद जल्द हीं आंदोलन समाप्त कर डॉक्टर अपने काम पर लौट जाएँ. शनिवार रात एनआरएस मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता बनर्जी से बातचीत के संकेत दिए. इस दौरान डॉक्टरों ने साफ तौर पर कहा की बैठक की जगह हम तय करेंगे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉक्टरों ने कहा डॉक्टरों ने कहा, ‘मुख्यमंत्री हमारे काम की तुलना पुलिस से करती हैं. हम पुलिस का सम्मान करते हैं, लेकिन उन्हें ट्रेनिंग मिलती है और उनके पास हथियार भी होते हैं. पुलिसकर्मी हमलावरों से लड़ सकते हैं, लेकिन इसके लिए हमें ट्रेनिंग नहीं मिलती. हमारा काम बीमार लोगों का इलाज करना है, लेकिन हम शिकायत या इस तरह धरना प्रदर्शन नहीं करते.’
पश्चिम बंगाल में अब तक 300 डॉक्टरों ने सरकार के विरोध में सामूहिक तौर पर इस्तीफा दे दिया है. वहीं बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाणी ने ममता बनर्जी को एक पत्र लिखकर चिकित्सकों को सुरक्षा उपलब्ध करवाने का निर्देश दिया.