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जहाँ एक ओर हम नारी सम्मान और उनके अधिकारों की बात करते नही थकते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके सम्मान और अधिकारों का हनन हर एक दिन हो रहा हैं. आज भी नारी सम्मान, सामान अधिकार और ना जाने ऐसे और कितने नारे बस NGO या फिर नेताओं के भाषण तक ही सिमित है.
लोग आज भी महिलाओं और बच्चों यहाँ तक की बूढ़े माँ-बाप को घर के चार दिवारी के अंदर प्रताड़ित करते हैं. ऐसे मामलों में सबसे बड़ी विडंबना है की पीड़ित अपने पर हो रहे प्रताड़ना के खिलाफ आवाज तक नहीं उठा पाते हैं, यही कारण है की घरेलू हिंसा से जुड़ा शायद ही कोई मामला घर से बाहर निकल पता है; इसलिए अगर कोई हिम्मत करता है ऐसी घटनाओं की बात सबके सामने करने का तो हमें हरसंभव मदद करनी चाहिए, ताकि शायद और भी कोई हिम्मत कर सके अपनी पर हो रहे अत्याचार को सबके सामने लाने का.
घरेलू हिंसा और महिला प्रताड़ना से जुड़ी ऐसी ही एक घटना सामने आयी है, जिसमें पीड़ित महिला ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपना दर्द दुनिया के सामने रखा. वो लिखतीं हैं उसका पति हर दिन उसे प्रताड़ित करता है और उसे किसी और के साथ गलत काम करने का दबाव बनता है और ऐसा न करने पर उसके 2 साल के मासूम बच्चे को जान से मरने की धमकी दी जाती है.
महिला अपने facebook पोस्ट में लिखती हैं ” मैं खुशबू, महेंद्र शाह की बेटी मेरी और मेरे बच्चे की जन को खतरा है. मैं कल 4 बजे बैठी हूँ ट्रेन में दिल्ली से पुर्णिया के लिए, ट्रेन में भी मुझे एक लड़का परेशान कर रहा है, जिसे कुंदन ने मेरे पीछे लगया है ”
आपको बताते चले की कुंदन उस महिला के पति का नाम है जिसके बारे में वो आगे लिखती है. “कुंदन मुझे दिल्ली में चार दीवारी के अन्दर कैद करके रखता है और बहुत टोर्चेर करता है. मुझे और मेरे बच्चे को खाने पिने की चीजे नही बल्कि ड्रग्स देता था. खाना देता भी था तो chemicals मिला के जिसे न चाहते हुए भी खाना परता था. यह बात उसने सास-ससुर (अनिरुद्ध) को भी बताई परन्तु किसी ने कुछ नही किया. मेरा पति मुझे प्रताड़ित करता रहा. प्रताड़ित करने की पीछे दो वजह है, पहला की उसको दूसरी शादी करनी है , दूसरा वो मुझे बोलता था की उसने मुझे माकन मालिक को बेच दिया हैं…”
खुशबू आगे लिखती है, “मेरे आरोपों को गलत साबित करने के लिए वो मुझे पागल साबित करना चाहता है. बहुत मुश्किल से किसी तरह मैं ट्रेन में हूँ अपने बच्चे के साथ. मेरे पति ने मेरा टिकट नहीं करवाया, एयर फ़ोर्स में किसी के सहयोग से उसे टिकट मिली. ये बात मैंने अपने घर में भाई और माँ को बताया परन्तु किसी ने कुछ नही किया. मेरे पापा नहीं हैं और शायद यह मेरी कमजोरी बन गयी है. मुझे इसके अलावा कोई उपाय नही दिख रहा की में अपनी बात आप सबको बताऊँ, मुझे आपकी मदद चाहिए, हमारा कोई नहीं है, मैं पुरे समाज की बेटी हूँ मुझे और मेरे बच्चे को बचा लीजिये.”
इसके कुछ देर बाद लड़की ने एक और पोस्ट की जिसमें उसने कुछ और तस्वीरें शेयर की जो की उसके और उसके बच्चे के प्रताड़ना से जुड़ी है.
FB पोस्ट की तहकीकात के लिए हमने पीड़ित महिला से फ़ोन पर बात भी की और फेसबूक पर लिखी सभी बातें ख़ुद खुशबू से पुष्टि होने पर ही हम इसे प्रकाशित कर रहे हैं. जरूरत परने पर indinews.in की तरफ से हमारे बातचीत का ब्यौरा भी प्रशासन को उपलब्ध कराया जा सकता है. हालाँकि पुरे मामले की सच्चाई की पुष्टि का दावा हम नहीं करते हैं.
बातचीत के दौरान MIT Purnia से इंजीनियरिंग कर चुकी खुशबु ने बताया कि वो दिल्ली गुवाहाटी राजधानी से पूर्णिया (बिहार) लौट रही है, लेकिन राजधानी जैसे ट्रेन में भी वो बिल्कुल असुरक्षित महसूस कर रही थी. खुशबु ने कॉलेज में पढ़ने वाले अपने एक साथी पर ट्रेन में जबरदस्ती और हाथापाई जैसे संगीन आरोप भी लगाया. वही मामले में दूसरे पक्ष यानी पीड़िता के पति या कॉलेज के साथी से हमने बात करने का प्रयास किया लेकिन अभी तक बात नहीं हो पाई.
अपने पति द्वारा घर में हो रहे प्रताड़ना के मामले को लेकर ख़ुशबू ने दिल्ली के किसी थाने में शिकायत भी दर्ज कराई पर दिल्ली पुलिस से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली. फ़ोन पर बातचीत के दौरान शायद ख़ुशबू बात करने की स्थिति में नहीं थी जिस कारण हमने ज़्यादा सवाल करना उचित नहीं समझा और ट्विटर के माध्यम से सम्बंधित विभाग को जानकारी दे दी.
यकीनन इस मामले या ऐसे किसी भी मामले में दूसरे पक्ष को सुनें बिना किसी तरह के नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता, लेकिन ये कोई बिल्कुल नई घटना भी नहीं है; लगभग हर दिन देश के किसी ना किसी हिस्से में ऐसी कई महिलाओं को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ रहा है. कई घटनाएँ बाहर समाज के सामने आती है पर ऐसी अनगिनत घटनाएँ हैं जो घर के चार दीवारी के अंदर ही दफन हो जाती है. हम चाहते हैं की प्रशासन पूरी घटना के जड़ तक जाए ताकि समय रहते ख़ुशबू और उसके बच्चे को जरूरी मदद मिल सके.