क्रॉस वोटिंग वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द

0
121
क्रॉस वोटिंग वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द - IndiNews
Image Source: Deccan Herald

हिमाचल प्रदेश विधानसभा स्पीकर ने पूर्व CM सहित BJP के 15 विधायकों को निष्कासित किया जो लोकतंत्र के लिए उतना ही दुखद है जितना लोकसभा और राज्यसभा के स्पीकरों द्वारा दोनों सदनों के क़रीब 150 सांसदों को उस वक्त निष्कासित करना जब कई महत्वपूर्ण क़ानूनों पर चर्चा किया जाना था. जान प्रतिनिधियों के निष्कासन से सरकारों को बिल पास करना तो आसान हो जाता है लेकिन ये लोकतंत्र के लिए बेहद अनुचित है. BJP के 15 विधायकों के अलावा हिमाचल प्रदेश के 6 और विधायकों की सदस्यता भी रद्द कि गई है ये सभी 6 विधायक राज्य सभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के विधायक थे.

अपने 6 विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश से एक मात्र राज्यसभा सीट को बहुमत होने के बावजूद गवाना पड़ा और यह सीट बीजेपी की झोली में चली गई. इसके बाद से हिमाचल में सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच कांग्रेस के खिलाफ वोट करने वाले 6 बागी विधायकों पर कार्रवाई की गई है. विधानसभा स्पीकर ने कांग्रेस के इन छह बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी है. विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इन विधायकों के भविष्य पर फैसला सुनाया.

हिमाचल प्रदेश विधानसभा के स्पीकर कुलदीप पठानिया ने सभी 6 कांग्रेस विधायकों को पार्टी व्हिप के उल्लंघन का दोषी माना. कल विधानसभा के स्पीकर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला रिजर्व रख लिया था. बता दें कि कांग्रेस विधायक और संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने दलबदल विरोधी कानून के तहत छह विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की थी. इन 6 विधायकों में राजेंद्र राणा, रवि ठाकुर, चेतन शर्मा, आईडी लखनवाल, सुधीर शर्मा और देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं.

क्रॉस वोटिंग वाले कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द - IndiNews
Image Source: thestatesman

खबरों के मुताबिक, हिमाचल विधानसभा स्पीकर के फैसले को चुनौती देने के लिए बागी विधायकों द्वारा हाईकोर्ट का रुख किया जा सकता है. विधानसभा स्पीकर ने बताया कि मैंने सभी का पक्ष सुना है. विधायकों ने व्हिप का उल्लंघन किया. सभी 6 बागी विधायकों की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म की जाती है. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सभी विधायक अयोग्य घोषित किया जा रहा है.

अगर इन सभी छह अयोग्य घोषित किए गए विधायकों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती है, तो प्रदेश में उपचुनाव की स्थिति पैदा हो जाएगी. इन सभी छह सीटों पर उपचुनाव होंगे और खबरों के मुताबिक यह सभी अयोग्य विधायक भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर ही चुनाव लड़ेंगे.