मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट चर्चा में है यहाँ के दो प्रत्याशी के कारण एक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और दूसरे मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेकिन यहाँ बस दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं हैं; भोपाल से चुनाव मैदान में कई और उमीदवर हैं जिसमें एक निर्दलीय से प्रज्ञा ठाकुर भी है जो भाजपा के प्रत्याशी का हमनाम है और यही बीजेपी की परेशानी की कारण थी क्योंकि भाजपा को लग रहा था की कहीं मतदाता दोनों नामों में कन्फ़्यूज़ होकर निर्दलीय प्रज्ञा ठाकुर को वोट ना दे दे. लेकिन भाजपा के लिए अब एक राहत की ख़बर है क्योंकि निर्दलीय प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. प्रज्ञा ठाकुर ने भोपाल लोकसभा सीट से प्रज्ञा सिंह ठाकुर के समर्थन में अपना नाम वापस ले लिया है.
आज प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने खुद प्रज्ञा ठाकुर को मनाने के लिए अपने घर बुलाया. इस दौरान मालेगांव ब्लास्ट के आरोप में ज़मानत पर बाहर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने उनसे चुनाव ना लड़ने की अपील की जिसके बाद प्रज्ञा ठाकुर ने अपना नाम वापस लेने का ऐलान किया.
इस मौके पर प्रज्ञा ने भगवा कपड़ा ओढ़ाकर उनका सम्मान किया. इस दौरान भाजपा के नेता प्रभात झा के अलावा भाजपा के कई स्थानीय नेता मौजूद थे.
प्रज्ञा ठाकुर ने भले ही भाजपा की प्रज्ञा सिंह ठाकुर के सामने चुनाव ना लड़ने का ऐलान किया है, लेकिन शहीद हेमंत करकरे पर दिए अपमानजनक बयान से नाराज़ उनके जूनियर रहे रियाजुद्दीन ने भी भोपाल से नामांकन भरा है. मूल रूप से महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले रियाजुद्दीन ने भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है. रियाजुद्दीन के मुताबिक वो हेमंत करकरे को अपना गुरू मानते हैं और अकोला में हेमंत करकरे के एसपी रहने के दौरान उनके तहत बतौर सब-इंस्पेक्टर काम कर चुके हैं. ऐसे में देखना होगा कि भोपाल की जनता किसे जिताने में कामयाब रहेगी.