पंजाब के शहर में मोहाली में एक शख्स ने एक महिला ड्रग्स इंस्पेक्टर की ऑफिस में घुस कर गोली मारकर हत्या कर दी. बाद में आरोपी ने खुद को भी गोली मारकर ख़त्म कर लिया. वो सिर्फ इस बात से नाराज़ था कि, जिला ड्रग इंस्पेक्टर ने केमिस्ट शॉप का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था. महिला इंस्पेक्टर खरड़ स्थित ड्रग्स फूड एंड केमिकल टेस्टिंग लेबोटरी में कार्यरत थीं.
This is Neha Suri, Drug Inspector working in Punjab Health department who is known for her honesty was today shot dead at Kharar,Punjab by a chemist guy whose license was cancelled for keeping unauthorized drugs. Where we are lacking @PunjabPoliceInd ? pic.twitter.com/lYHz8LWp6P
— Ujala Arora (@WhereIsMy_Food) March 29, 2019
डॉ नेहा सूरी कि हत्या के बाद अब सोशल मीडिया पर उन्हें इंसाफ दिलाने कि मुहीम शुरू हो गई है. ट्विटर और facebook पर इस अभियान को व्यापक समर्थन मिल रहा है. हालाँकि आरोपी ने ख़ुदकुशी कर ली है, लेकिन लोग चाहते हैं की ईमानदार अफसरों को पंजाब सरकार सुरक्षा दे.
तफ्तीश में सामने आया है कि, आरोपी महिला ड्रग इंस्पेक्टर के छापे की वजह से एक केमिस्ट इतना बौखला गया कि उसने महिला अफसर ऑफिस जाकर उसके सीने में 4 गोलियां दाग दी और बाद में खुद को भी गोली मार लिया यह दिल दहला देने वाला हादसा पंजाब के खरड़ कस्बे में हुआ है.
शुक्रवार को डॉक्टर नेहा शौरी अपने ऑफिस की दूसरी मंजिल पर रूम नंबर-211 में काम कर रही थीं. नेहा अपनी 5 साल की भतीजी को भी साथ लाई थीं. शुक्रवार करीब 11:30 बजे लाल रंग की टी-शर्ट पहने बलविंदर अंदर आया और कुछ बात करने के बाद उसने डॉक्टर को दबोच लिया; फिर बैग से रिवॉल्वर निकाला और 4 फायर कर दिया. गोलियां नेहा की बाजू व छाती पर लगी. बलविंदर के बैग से एक चाकू, 12 बुलेट व रिवॉल्वर का लाइसेंस मिला है.
ड्रग इंस्पेक्टर डॉक्टर नेहा सख्त मिजाज अफसर थीं. केमिस्टों में उनकी रेड को लेकर हमेशा खौफ बना रहता था. बलविंदर सिंह की ड्रग इंस्पेक्टर नेहा शौरी से 10 साल पुरानी रंजिश बताई जा रही है. आरोपी की मोरिंडा में केमिस्ट की दुकान थी और उस समय नेहा शौरी, रोपड़ में ड्रग इंस्पेक्टर तैनात थीं.
आरोपी के करीबियों ने बताया कि बलविंदर ने 20 दिन पहले ही रिवॉल्वर खरीदी थी. निशाना न चूके इसलिए नहर के किनारे गोली चलाने की प्रैक्टिस भी कर चुका था. इससे पता चलता है कि उसने कई दिन पहले ही अफसर को मारने का प्लान बना लिया था. बलविंदर की दुकान का जब लाइसेंस रद्द किया गया तो उसके बाद उसने कई काम किए. अस्पताल भी खोला तो वह भी सील कर दिया गया. इसके बाद वह आर्थिक तौर पर काफी कमजोर हो गया और परेशान रहने लगा था.