सरकार नहीं पटना जल प्रलय में फँसे लोगों की उम्मीद बने पप्पू यादव तक भेजे सहयोग राशि

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पप्पू यादव बिहार के सबसे चर्चित नेताओं में एक हैं, वजय चाहे जो भी हो लेकिन पप्पू यादव हमेशा बिहार की रजनीति और ख़बरों में बने रहते हैं. हलांकि पप्पू यादव ना तो अभी सांसद हैं और ना ही विधायक लेकिन पटना जल प्रलय में फँसे लोगों के लिए जिस प्रकार से लगातार कार्य कर रहे हैं वो बेहद सराहनीय है.

बरसाती मेंढक के तरह सिर्फ़ चुनाव में दिखने वाले नेताओं को पप्पू यादव से सिखना चाहिए की जनता के दुःख सुख में कैसे साथ दिया जाता है.
जहाँ एक तरफ विधायक और सांसद चुनाव के बाद दिखाई नहीं देते वहीं पप्पू यादव विधानसभा और लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी अपने संसदीय क्षेत्र के साथ साथ पुरे बिहार में घुम-घुम कर मदद करते दिख जाते हैं, पप्पू यादव लोगों की मदद करना अपना स्वभाव बताते हैं जो उनके हाल फ़िलहाल के तस्वीर में दिखाई दे रहा है.

सरकारी नाकामी के कारण पटना और आस पास के क्षेत्रों में जल प्रलय के हालात है, जगह जगह लोग बरसात के कारण हुए इस जल भराव में फँसे हैं, हालात का अंदाज़ा बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के इस तस्वीर से लगाय जा सकता जिसमें वो अपने परिवार और समान के साथ रोड पर खड़े राहत-बचाव टीम का इंतेज़ार कर रहे. ये सिर्फ़ सुशील मोदी नहीं बल्कि नीतीश सरकार की हालत है जो पटना के सड़को पर मजबुरी बने खड़ी है.

जो काम राज्य की सरकार और सत्ता का मलाई खा रहे लोगों को करना चाहिए वो काम एक चुनाव में सभी सीटें हरनी वाली पार्टी के नेता और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव बिना किसी सरकारी सहायता के कर रहे हैं, उम्मीद है की बिहार की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में पप्पू यादव के इस परिश्रम और सहायता भाव को ज़रूर याद रखेगी.

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वक्तिगत तौर पर मुझे बिल्कुल नहीं लगता की बिहार सरकार या किसी भी तरह के सरकारी राहत कोष में दान करने का कोई फ़ायदा है,क्योंकि अगर बिहार सरकार ने जल निकासी का उचित प्रबंध किया होता तो ऐसी दुखद स्थिति उत्पन्न नहीं होती, ऐसे में उन हाथों को मज़बूत करना अधिक उचित होगा जो खुद अपने पैसों से राहत बचाव में लाखों हर दिन खर्च कर रहे हैं. पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का एक खाता लोगों के साथ शेयर किया जहाँ पैसे भेजकर पटना में फँसे लोगों की मदद की जा सकती है.


राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तो पानी बढ़ता देख झोला उठा के चल दिए लेकिन राजेंद्र नगर रोड नंबर-6 स्थित उनके आवास पर रह रहे सिक्योरिटी गार्ड अभी भी वही फँसा था, जहाँ बाढ़ की मुश्किल स्थिति से जूझने की कोई सुविधा नहीं थी; पप्पू यादव ने उपमुख्‍यमंत्री के सिक्योरिटी गार्ड को खाना, पानी और दूध दिया. वहीं सुशील मोदी के मोहल्ले के एक व्यक्ति मदद के लिए आए पप्पू यादव और पार्टी के कार्यकर्ता को देख कर भावुक हो गया और यादव से लिपट कर रोने लगा.

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पानी में फँसे लोग अब भी खाना पनी के लिए तड़प रहे हैं, जनता परेशान है लेकिन अगर बात करे सत्ता में बैठे लोगों की तो वो BJP और JDU के गठबंधन के लोग आपस में ही ढाही ले रहे हैं. बीजेपी के नेता और केंद्र सरकार में मंत्री गिरिराज सिंह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगा रहे हैं और नीतीश के पार्टी के नेता गिरिराज पर आक्रामक हो रहे हैं. दोनो पार्टी के बकी बचे नेता कभी मौसम तो कभी नक्षत्र को दोषी मान रहे यहाँ तक की आरोप 15 साल पहले की कंग्रेस-आरजेडी की सरकार तक को आरोपी बनाया जा रहा लेकिन अपने सत्तारुढ़ पार्टी के किसी नेता से आपने ये नहीं सुना होगा की ग़लती बिहार सरकार की है.

तरह तरह के समीकरण लगाकर लगातार 15 वर्षों तक सत्ता का भोग करने वाले नीतीश कुमार और उनकी सरकार ने राज्य के राजधानी तक के लिए कुछ नहीं कर पाए. अगर सरकार ने जल बहाव का 15 वर्षों के अपने कार्यकाल में उचित प्रबंध किया होता तो शायद आज पटना के लोगों को ऐसे हालात से नहीं गुज़रना परता, अगर नीतीश कुमार और बिहार सरकार ने बारिश के पहले आए अलर्ट के बाद त्वरित कार्रवाई की होती तो शायद नुक़सान को कम किया जा सकता था.

वहीं इस पुरे घटनकर्म में मुख्य विपक्षी पार्टी अभी भी कहीं नहीं दिख रही, नीतीश कुमार और सुशील मोदी पर एक दो आरोप लगाने के अलावा विपक्षी पार्टियों ने कुछ नहीं किया, शायद बिहार में विपक्षी पार्टियों के नेता अभी तक लोकसभा में मिली हार को पचा नहीं पाए हैं. यह एक मौका था विपक्षी पार्टियों के लिए जनता का मदद करने और जनता के बीच फिर से अपनी पकड़ बनाने का परंतु चमकदार कुर्ता पहनने वाले नेता क्यों बरसात के उस गंदे पनी में जाए जब इन नेताओं को पता है की बिहार के लोग जात-पात, धर्म, और विकास के झूठे वादे पर ऐसे भी वोट तो दे ही देंगे.

अब सोचना पटना और बिहार के लोगों को है की उन्हें कैसा भविष्य चाहिए, क्योंकि जब तक जनता खुद अपने लिए खड़ी नहीं होगी, जब तक जनता जात-धर्म से ऊपर उठके अपने क्षेत्र के नेताओं से कठिन सवाल और विकास के लिए जवाबदेह नहीं बनाएगी तब तक सब ऐसे ही चलता रहेगा; ठीक उसी तरह जैसे कोशि क्षेत्र के लोग ना जाने कितने दासकों से हर साल बाढ़ को झेलती है लेकिन सरकार के तरफ़ से आज तक कुछ भी नहीं किया गया. कैसे हर साल एक सीमित समय में एक सीमित इलाक़े में कोशि नदी का तांडव होता है और फिर सरकार के पास कोई समाधान नहीं अब तक नहीं है. सबसे परेशान करने वाली बात है की लोग ख़ुद भुल जाते हैं हर साल के अपनी परेशानी और कभी सरकार और अपने प्रतिनिधी की जवाबदेही तय नहीं करते.

पप्पू यादव नेताओं की जनता के लिए जो भावना होनी चाहिए उसका एक बहुत अच्छे उदाहरण हैं, और उनके द्वारा दिन रात लोगों की मदद और सहायता के लिए किया जा रहा प्रयास बहुत सराहनीय. पप्पू यादव का ये प्रयास आगे की रजनीति की लिय अहम भी है, इसके बद लोगों के पास कम से कम एक उदाहरण होगा की उनके क्षेत्र के जन प्रतिनिधी कैसे होने चाहिए या कोई जनता अपने जन प्रतिनिधी के कितना उम्मीद कर सकती है.