पटना में बारिश के बाद हुए जल-जमाव के कारण अभी भी हालात गम्भीर है, बिहार की राजधानी पटना के लगभग सभी क्षेत्रों में भारी जल-जमाव है. ये बारिश आगामी चुनाव के ठीक पहले कही ना कही बिहार में लगभग 15 साल से नीतीश सरकार के विकास की बाहर के दावों का असली चेहरा सबके सामने ला दिया. जिस शहर में बिहार के सभी नेताओं और राज्य के सभी प्रमुख विभागों का कार्यालय है जहाँ 15 साल से लगातार नीतीश कुमार सत्ता में बैठे हैं वहाँ पानी निकासी की कोई सुविधा नहीं है. बरसाती जल-जमाव ने पटना में बाढ़ जैसी स्थिति बना दी है और बड़ी संख्या मीन जान-माल का क्षति भी हो रही है.
ये सरकार की अनदेखी और गैर जिम्मेदारी का नतीजा है, जलभराब की स्थिति इतनी गम्भीर है की सरकार के लोगों और राज्य के नेताओं को भी भागना पर रहा है. एक समय में घुटने भर पानी में बैठके आंदोलन कर विधायक बनने वाले और लगभग 15 साल से राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी अपने परिवार और समान से साथ सड़क पर खड़े दिखे; वहीं सांसद रामकृपाल यादव पानी में डूबते-डूबते बचे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव (Ram kripal Yadav) बुधवार को बाल-बाल बच गए. दरअसल वो दरधा नदी (Dardhaa River) में आई बाढ़ (Flood) के बाद धनरुआ के कई गांवों का निरीक्षण करने गए थे, तभी कुछ समर्थकों ने उनसे टायर की बनी एक छोटी से नाव में चलने की जिद की. पहले तो रामकृपाल यादव जाने से मना करते रहे, लेकिन समर्थक नहीं माने. समर्थकों की जिद के चलते वो टायर से बनी नाव पर सवार हो गए. [Video Source: The Quint]
अचानक कुछ दूर जाने के बाद टायर वाली नाव पलट गई. जिससे रामकृपाल यादव नदी में गिर गए. इस हादसे के बाद वहां अफरातफरी का माहौल हो गया. किसी तरह से रामकृपाल यादव को बचाया गया. फिलहाल रामकृपाल सुरक्षित है लेकिन पटना और आस पास के क्षेत्रों में बारिश के बाद हुए जलभराब से जनता अभी भी सुरक्षित नहीं है.