PMC बैंक घोटाला समने आने के बाद अब तक तीन खाताधारकों की मौत हो चुकी है, लोग जीवन भर की कमाई डूबने के दर से सदमे में हैं. बताया जा रहा है की सभी तीन खाताधारकों की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. PMC बैंक के खाताधारकों के साथ जो हो रहा है वो बेहद दुखद है. PMC बैंक में लोगों ने अपनी ज़िंदगी भर की जमा पूँजी को रखा था, लोगों ने ये सोचा होगा कि उनके मेहनत की कमाई बैंक में सुरक्षित रहेगी लेकिन हुवा बिलकुल उल्टा. आज लोग अपने हीं पैसे नहीं नहीं निकाल पा रहे, लोगों का काम बंद हो रहा, पैसे नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई से लेकर बीमारी के इलाज तक के लिए खाताधारकों को परेशान होना पर रहा वो भी तब जान उनके हज़ारों/लाखों रुपए बैंक में जमा है.
सरकार और RBI के नाक के निछे PMC बैंक घोटाले का खेल खेला जा रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी, PMC बैंक के निदेशकों में एक मौजूदा भाजपा विधायक सरदार तारा सिंह का बेट रणजीत सिंह भी शामिल है. ऐसे में इस संभावना को नकारा नहीं जा सकता की घोटाले के इस पुरे प्रक्रम को किसी न किसी तरह राजनीतिक क्षत्रछाया प्राप्त हो.
PMC बैंक में 4,355 करोड़ रुपये का घोटाला होता है और लोग अपने हीं पैसे के लिए तड़प तड़प के मरते हैं, अगर हिम्मत है तो प्रधानमंत्री मरने वालों के परिवार के पास जाके बोले “सब चंगा सी”. क्या दुनियाँ के सबसे बड़े लोकतंत्र की सबसे मजबूत सरकार इतनी कमजोर है की सरकार के नाक के निछे एक के बाद एक व्यवसायी बेंकों को बर्बाद कर रहा, लूट रहा और सम्बंधित मंत्रालय की मंत्री कहती है की वो कुछ नहीं कर सकती, राज्य के मुख्यमंत्री कहते हैं की वो इस मुद्दे को चुनाव के बाद देखेंगे. ऐसी कमजोर और संवेदनहिन प्रतिक्रिया के लिए सिर्फ़ सरकार और नेता नहीं ब्लकी जनता भी उनती हीं ज़िम्मेदार है.
लोगों ने अपने नेताओं को कभी असली मुद्दे पर बात करने को बाधित हीं नहीं किया इसीलिए नेताओं और पार्टियों के लिए जनता से जुड़ी असली मुद्दों की अब कोई महत्वता नहीं रही. सभी दलों के नेताओं को पता है चुनाव के समय धर्म, जाती, मंदिर, मस्जिद और खोखले राष्ट्रवाद का झुनझुना थमाने भर से काम चल जाएगा, इसलिए ना तो सत्ता पक्ष और न विपक्ष के नेताओं में जनता से जुड़े मुद्दों से कोई संवेदना है.
पिछले कई वर्षों से आम जनता ने जाने-अनजाने में देश के भीतर जो राजनीतिक माहौल बनाया है आज उसी का नतीजा है की लोग बैंक के बैंक ख़ाली करके निकल जाते हैं और सरकार मुँह ताकती रह जाती है और जान, आम लोगों को गँवाना पर रहा है. जनता चाहे जिसे चुने, जिसे सत्ता से नवाज़े लेकिन अपने असली मुद्दों से ना कभी ख़ुद भटके और ना कभी अपने जान प्रतिनिधी को भटकने ना दे, नेताओं को मजबूर करे अपनी जरूरी मुद्दों को सुनने के लिए, तभी हालात में सुधार सम्भव है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेगा पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं का दल:
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (PMC) बैंक में अपना पैसा डूबता देख परेशान खाताधारकों की एक 15 सदस्यीय दल आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलेगा और बैंक की हालात को लेकर उनसे चर्चा किया जाएगा. साथ ही जमाकर्ताओं की ओर से मनमोहन सिंह से मामले में दखल देने की सिफारिश की जा सकती है. खाताधारकों को उम्मीद है, कि पूर्व प्रधानमंत्री और विख्यात अर्थशास्त्री होने के नाते मनमोहन सिंह सरकार पर दबाव बनाने के साथ एक उचित परामर्श भी देंगे.
वहीं अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करने को राज़ी हो गई है. सरकार और RBI से निराश हो चुके PMC बैंक के खाताधारकों के लिए सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को सुना जाना एक बड़ी उम्मीद लेकर आयी है. उधर पीएमसी बैंक के प्रशासक ने रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास सहित शीर्ष पदाधिकारियों से मुलाकात की है और बैंक के खाताधारकों को आश्वासन दिया है कि उनके हितों की सुरक्षा के लिये हरसंभव प्रयास किये जायेंगे.
PMC बैंक लगभग 35 सालों से काम कर रही है अब इसमें लाखों ग्राहकों की रकम फंसी हुई है. बैंक की आखिरी एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक बैंक में ग्राहकों के 11 हजार 617 करोड़ रुपये डिपॉजिट हैं. इनमें टर्म डिपॉजिट 9 हजार 326 करोड़ रुपये के करीब है जबकि डिमांड डिपॉजिट के तौर पर 2 हजार 291 करोड़ रुपये जमा हैं.
PMC बैंक की क्षमता 8,880 करोड़ रुपये लोन देने की है लेकिन बैंक ने क़रीब 6500 करोड़ सिर्फ़ हाउिसंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (HDIL) को दिया है जो कि करीब 73 फीसदी है. HDIL पहले से ही दिवालिया होने की प्रक्रिया से गुजर रही है और यही कारण है की RBI ने इस बैंक पर कार्रवाई किया है, हालाँकि बैंक के चंद चोर अधिकारियों और HDIL के धोखाधरि की सजा बैंक के ईमानदार ग्राहकों को भुगतना पर रहा है.
कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि पीएमसी बैंक के 12 डायरेक्टर प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी से संबंध रखते हैं. गौरव वल्लभ ने कहा कि हर रोज PMC बैंक के पीड़ितों के रोते-बिलखते वीडियो सामने आ रहे हैं. लेकिन वित्त मंत्री अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहीं हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा, ‘अगर वित्त मंत्रालय और आरबीआई की कोई जिम्मेदारी नहीं है, तो 1 से 10 हजार और फिर 25 हजार रुपये निकालने की बंदिश क्यों लगाई गई.’
कांग्रेस की सरकार से मांग:
- निकासी पर लगी बंदिश पूरी तरह से हटाई जाए
- पीएमसी के 73% लोन HDIL को दिए गए हैं, उससे रिकवरी कैसे की जाएगी, इसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में देश को बताई जाए
- 25,00 से ज्यादा वाले 30% जमाकर्ता कौन हैं, जिनका उल्लेख ये कर रहे हैं, उनकी जानकारी दी जाए
- धन निकासी पर बंदिश लगाने के एक सप्ताह पहले तक 50,000 या उससे ज्यादा पैसा निकालने वाले लोगों के नाम बताए जाएं
- हाउसिंग सोसायटी को पैसे निकालने की तुरंत इजाजत दी जाए
- पूछताछ पूरी होने तक पीएमसी के डायरेक्टरों को देश छोड़ने की इजाजत न दी जाए
- कांग्रेस ने मांग की है कि वित्त मंत्री पीएमसी मामले पर श्वेत पत्र जारी कर देश को इस घटनाक्रम की पूरी जानकारी दें.