चुनाव के दौरान नेताओं के बयानबाजी और आरोप प्रत्यारोप एक सिलसिला बैन जाता है, अपने विरोधियों पर हमले का एक भी मौक़ा कोई नेता या पार्टी गँवाना नहीं चाहते और ऐसे में कई बार नेता ज़रूरत से ज़्यादा भी बोल जाते हैं. हाल के दिनों में आपने देखा होगा होगा किस प्रकार यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ, सपा के नेता आज़म खान, और भाजपा की मेनका गांधी को चुनाव आयोग ने बेतुकी बयानबाज़ी के कारण कुछ समय के लिए चुनाव प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी थी.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से राफेल वाले बयान के लिए एक बार माँफी तक माँगना परा है. लेकिन, एक दूसरे बयान के लिए राहुल गांधी को चुनाव आयोग ने क्लीनचिट दे दिया है. दरअसल, राहुल गांधी 23 अप्रैल को मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, “हत्या के आरोपी बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वाह क्या शान है. अच्छा जय शाह का नाम सुना है. जादूगर है जय शाह, महज 50 हजार रुपए को तीन महीने में 80 करोड़ बना दिया.”
राहुल गांधी के इस बयान पर बीजेपी के एक नेता ने अहमदाबाद की मेट्रोपोलिटन कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का केस किया है और इस पर कोर्ट ने राहुल को समन जारी कर जवाब मांगा है. राहुल के बयान पर बीजेपी के उपाध्यक्ष प्रभात झा ने उनकी चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी जिसपर जाँच के बाद चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को क्लीनचिट दे दिया.
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को क्लीनचिट देते हुए कहा, “शिकायत की विस्तृत जांच की गई और जबलपुर के जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा भेजे गए भाषण की पूरी प्रतिलिपि की जांच के बाद, आयोग का विचार है कि आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया गया है.”