राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों यानी Rajasthan ACB ने ED के प्रवर्तन अधिकारी नवलकिशोर मीना और उसके सहयोगी बाबूलाल मीना को 15 लाख रुपये कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है.
राजस्थान में लगातार ED इंस्पेक्टर के कई ठिकानों पर एसीबी (ACB) कार्रवाई कर रही है. इसकी पुष्टि एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है. दूसरी तरफ गिरफ्तार करने पर ईडी ने बयान जारी किया है. एसीबी जयपुर द्वारा जारी दिनांक 02.11.2023 की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, नवल किशोर मीना ईओ, इम्फाल उप-जोनल कार्यालय, मणिपुर और बाबूलाल मीना उर्फ & दिनेश, कनिष्ठ सहायक, कार्यालय उप रजिस्ट्रार, राजस्थान सरकार को एसीबी द्वारा गिरफ्तार किया गया है. इस संबंध में, ईडी ने नवल किशोर मीना को निलंबित कर दिया है. नवल किशोर मीना और बाबूलाल मीना के खिलाफ पीएमएलए मामला शुरू किया गया है.
खबर है कि वह मणिपुर में एक चिट फंड कंपनी के केस में सैटलमेंट करने और अन्य सुविधा देने के नाम पर पीड़ित से 17 लाख रुपए मांग रहा था. लेकिन उसे पंद्रह लाख रुपए लेते हुए धर लिया गया. उसके लिए काम करने वाले उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
एसीबी अफसरों ने बताया कि मणिपुर में पिछले दिनों कुछ लोगों के खिलाफ चिट फंड कंपनी चलाने और ठगी का केस दर्ज हुआ था. इस केस में पीड़ित से ईडी वाले रुपए मांग रहे थे. पीड़ित ने पुलिस एसीबी अफसरों को बताया कि ईडी अधिकारी नवल किशोर मीणा और उनके सहायक कर्मचारी बाबूलाल मीणा उनसे रुपए मांग रहे थे. चिटफंड कंपनी के केस में उनकी सम्पत्ति अटैच नहीं करने की एवज में ये रुपए मांगे जा रहे थे.
ED के अधिकारियों का ऐसे घुस लेते पकरे जाना हलांकि की मीडिया से लगभग ग़ायब है, लेकिन ये खबर इतनी मामूली भी नहीं है खास कर ED के छवि लिए तो बिल्कुल नहीं. देश भर में विपक्षी पार्टियों पर ED की रैड और विपक्षी पार्टियों द्वारा ED पर भाजपा के लिए काम करने का आरोप एक आम खबर बन गयी है. विपक्ष और ED के बीच का माहौल, ED का काम करने तरीक़े के कारण कहीं ना कहीं ED की विश्वसनीयता ख़राब ज़रूर हुई है. ऐसे में ED के दो अधिकारियों का इस तरह से 15 लाख घुस लेते पकड़े जाना निश्चित रूप से विपक्षी पार्टियों के लिए एक नया मुद्दा ज़रूर बनेगा.