कांग्रेस कर्नाटक मध्यप्रदेश और राजस्थान में उलझी रही और तेलंगाना में हो विद्रोह हो गया। तेलंगाना में विद्रोह इतना जोर से फटा कि पूरी कांग्रेस ध्वस्त नजर आर ही है। राज्य के 18 जीते हुए विधायकों में एक साथ 12 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। ये सभी विधायक टीआरएस में शामिल हो रहे हैं। इन विधायकों पर दल बदल निरोधी कानू भी नहीं लग सकता क्यों कि इनकी संख्या पार्टी के कुल विधायकों की संख्या का दो तिहाई है।
Talasani Srinivas Yadav, Telangana Minister on 12 Congress MLAs who met speaker&gave him representation to merge with TRS: They (Congress MLAs) don't trust their party leadership so they are saying that this govt (TRS) is better as there is development & welfare in the state. pic.twitter.com/f9AJGPfFCw
— ANI (@ANI) June 6, 2019
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में टीआरएस ने 119 में से 88 सीटें जीतकर अपनी बहुमत से सरकार बनाई है। वहीं सूबे में कांग्रेस ने महज 18 सीटों पर ही जीत दर्ज की थी। लोकसभा चुनाव के बाद से ही सूबे में कांग्रेस की स्थिति खराब दिख रही है। कांग्रेस के 12 विधायकों के टीआरएस में जाने की खबरों पर तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख एन उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, ‘हम इसके खिलाफ लोकतांत्रिक रूप से लड़ेंगे। हम सुबह से विधानसभा अध्यक्ष से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह गायब हैं। आप उन्हें ढूंढने में हमारी मदद करिए।’
कांग्रेस के 18 में से 12 विधायकों ने तेलंगाना विधान सभा अध्यक्ष पोचाराम को लिखित प्रतिवेदन देकर टीआरएस में विलय की मांग कर दी है। वैधानिक तौर पर अब कांग्रेस के इन विधायकों को टीआरएस में विलय से कोई नहीं रोक पायेगा। इनमें टीआरएस से ही निकलकर कांग्रेस में शामिल हुए विधायक रोहित रेड्डी भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि रोहित रेड्डी जल्द ही पार्टी से इस्तीफा देकर टीआरएस में शामिल हो सकते हैं। टीआरएस से सस्पेंड होने के बाद रेड्डी कांग्रेस में पहुंचे थे। तेलंगाना में हुए इस फेरबदल का असर कर्नाटक में भी पड़ने के आसार हैं। वहां से काफी दिनों से यह खबर आ रही है कि कुछ विधायक पार्टी छोड़ कर बीजेपी के साथ जा रहे हैं।