सोनभद्र जिले के मूर्तिया गांव में बुधवार की दोपहर में दो पक्षों में जमीनी रंजिश को लेकर हुए आपसी विवाद में जमकर खूनी संघर्ष हुआ। वारदात में दस लोगों की हत्या कर दी गई और दो दर्जन से अधिक लोग वारदात में घायल हैं जिनमें दो लोगों की हालत अधिक गंभीर बनी हुई है। स्थानीय लोगों के मुताबिक विवाद के दौरान आपस में असलहे से फायरिंग और गड़ासा चलने से कई लोग गंभीर रुप से घायल भी हो गए।
Sonbhadra: Casualties reported after firing between two groups over a land dispute in Ghorawal today; District Magistrate Ankit Kumar Agarwal says, "We can't tell exact numbers as of now. 9 persons brought to District Hospital. Some are injured & some are dead." pic.twitter.com/QDeL1QylFK
— ANI UP (@ANINewsUP) July 17, 2019
क्यों है विवाद?
सोनभद्र जिले के मूर्तिया ग्राम पंचायत में खूनी नरसंहार के पीछे सोसायटी की जमीन है। आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी उभ्भा के नाम पर करीब 600 बीघा जमीन है। इस सोसायटी का रजिस्ट्रेशन 1978 में ही समाप्त हो चुका था। इस जमीन के खेल में एक आईएएस अधिकारी का भी नाम आ रहा है। गोंड़ बिरादरी के संतोष, रामसकल, इंद्रदेव, मान सिंह, जालिम, पन्नालाल इत्यादि ने बताया कि उनकी बिरादरी के लोग कई दशक से इस जमीन पर जोताई-बुआई कर रहे हैं। इन लोगों ने बताया कि पटना का कोई धीरज नाम का आदमी इस जमीन का ताल्लुकेदार बनकर प्रति बीघे के हिसाब से रुपये वसूलता था।
पिछले साल ग्राम प्रधान यज्ञदत्त सिंह ने करीब 112 बीघा जमीन किसी तरीके से अपने और परिजनों के नाम पर रजिस्ट्री करा ली थी। इसके बाद बुधवार को यज्ञदत्त सिंह और उनके पक्ष के 200 लोग जमीन जोतने के लिए पहुंचे।
इस जमीन के खेल में एक आईएएस अधिकारी का भी नाम आ रहा है। चर्चा है कि 1955 में जब मिर्जापुर जिला था और राबर्ट्सगंज तहसील थी, तब यह जमीन आदर्श कोऑपरेटिव सोसायटी के नाम कर दी गई थी। इतना ही नहीं, एक आईएएस के ससुर के नाम पर चलने वाली सोसायटी को जमीन लिखे जाने के बाद 1989 में संबंधित आईएएस, उसकी पत्नी और पुत्री के नाम भी सौ-सौ बीघा जमीन, इसी जमीन में से दे दी गई थी।
दोनों पक्षों में चार महीने पहले हुई थी मारपीट :
सोसायटी की इस भूमि का मुकदमा सिविल कोर्ट में चल रहा है। मुकदमे में एक पक्ष ग्राम प्रधान यज्ञदत्त सिंह और उनके परिवार के लोग हैं, जबकि दूसरे पक्ष से गोंड जाति के रामजग, कैलाश समेत 75 लोग हैं। बताया गया कि इस जमीन पर 145 व 142 की कार्यवाही पुलिस कर चुकी है।
लेकिन 146 की कार्यवाही अभी एसडीएम के यहां लंबित है। करीब चार महीने पहले इसी जमीन को लेकर घोरावल कोतवाली में मारपीट का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस पर दर्जनों लोगों पर पाबंदी की कार्रवाई की गई थी। यह मामला तहसील दिवस में भी आ चुका है।
सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र में हुई इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मृतकों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी सोनभद्र को वारदात में गंभीर रुप से घायल हुए लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने डीजीपी को व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी करने और दोषियों को पकड़ने के लिए बहुत प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर मीरजापुर और एडीजी जोन वाराणसी द्वारा मामले की साझा जांच रिपोर्ट 24 घंटों में मांगी है ताकि इस मामले में जिम्मेदारी तय की जा सके।
CM takes cognisance of the incident in Sonbhadra (firing b/w 2 groups over a land dispute) & expressed condolences to family of deceased; directed DM to provide immediate medical attention to injured. He also directed DGP to personally monitor the case & ensure effective action. pic.twitter.com/qfG1tk7XP4
— ANI UP (@ANINewsUP) July 17, 2019
विपक्ष का आरोप और पुलिस का रवैया:
उभ्भा गांव में बुधवार को जमीन की नापी होनी थी। इसके लिए लेखपाल के साथ ही पुलिस को भी सूचना थी लेकिन कोई मौके पर नहीं पहुंचा था। प्रधान पक्ष के लोग जब फायङ्क्षरग करने लगे और लोगों की मौत हो गई तो सूचना पर सबसे पहले डायल 100 पुलिस पहुंची। इसके बाद उसकी सूचना पर फोर्स पहुंची। पांच लोगों की हत्या के 10 मिनट बाद सौ नंबर पुलिस पहुंची। इस पुलिस के सामने भी हमलावरों ने गोली चलाना बंद नहीं किया। इसके बाद चार लोगों को गोली मारी गई। इस दौरान हमलावरों की तादाद अधिक होने के कारण पुलिस वाले मूकदर्शक बने रहे।
इस मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि, ”अपराधियों के आगे नतमस्तक भाजपा सरकार में एक और नरसंहार! सोनभद्र में भू-माफियाओं द्वारा ज़मीन विवाद के अंदर 9 लोगों की हत्या दहशत एवं दमन का प्रतीक! सभी मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए मुआवज़ा दे दोषियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई करे सरकार।”
अपराधियों के आगे नतमस्तक भाजपा सरकार में एक और नरसंहार! सोनभद्र में भू-माफियाओं द्वारा ज़मीन विवाद के अंदर 9 लोगों की हत्या दहशत एवं दमन का प्रतीक! सभी मृतकों के परिवारों को 20-20 लाख रुपए मुआवज़ा दे दोषियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई करे सरकार।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 17, 2019
इस पुरे मामले पर प्रियंका गाँधी ने ट्वीट भी किया है ! उन्होंने ट्विटर पर लिखा की उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना। मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना।
मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूँ। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
भाजपा अपराध रोकने में तो नाकामयाब है मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है। मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता। कृपया अपराध रोकिए!
उत्तर प्रदेश सरकार की ड्यूटी है अपराधियों को पकड़ना।
मेरा कर्तव्य है अपराध से पीड़ित लोगों के पक्ष में खड़े होना।
भाजपा अपराध रोकने में तो नाकामयाब है मगर मुझे मेरा कर्तव्य करने से रोक रही है।
मुझे पीड़ितों के समर्थन में खड़े होने से कोई रोक नहीं सकता।
कृपया अपराध रोकिए!
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2019
सोनभद्र जिले में भूमि विवाद में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव को हिरासत में ले लिया गया और उसके बाद से ही उप की राजनीती गरमा गयी है ! योगी जी डेढ़ दिन के बाद सामने आये और कहा की सरकार कार्यवाही कर रही है !
हिरासत में लेने के बाद प्रियंका ने कहा कि वह पीड़ित परिवारों से मिले बिना नहीं जाएंगी, बता दें कि प्रियंका को मिर्जापुर के नारायण पुर चौकी के पास रोका गया था जहां से उन्हें हिरासत में लेकर चुनार गेस्ट हाउस लाया गया था.
मृतकों की सूची : रामचंदर (50) पुत्र लालशाह, राजेश गौड़ (28) पुत्र गोविंद, अशोक (30) पुत्र नन्हकू, रामधारी (60) पुत्र हीरा शाह, प्रभावती (45) पत्नी नंदलाल, दुर्गावती (42) पत्नी रंगीला लाल, राम सुंदर (50) पुत्र तेजा सिंह, जवाहिर (48) पुत्र जयकरन, सुखवन्ती (40) रामनाथ व आशोक गोंड पुत्र (35) हरिवंश।