स्वराज इंडिया हरियाणा के सभी विधानसभा सीटों पर लड़ेगी चुनाव

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हमारे देश की राजनीति में क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों का योगदान हमेशा बहुत महत्वपूर्ण रहा है, चाहे वो राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव हो या देश भर में होनेवाले लोकसभा चुनाव, हर राज्य में वहाँ की क्षेत्रीय पार्टियों ने अहम किरदार निभाया है. लगभग सभी राज्यों में ज़्यादातर क्षेत्रीय पार्टियों या इन पार्टियों के सहयोग से हीं सरकारें चल रही है. इसी कड़ी में आज एक और पार्टी ना नाम जुड़ गया है, योगेन्द्र यादव की स्वराज इंडिया ने इस बार हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. संभवतः इसी साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में राज्य के सभी 90 सीटों पर चुनाव लरने का एलान किया है. चंडीगढ़ स्थित प्रेस क्लब में पार्टी के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने आज इसकी ओपचारिक घोषणा कर दी. स्वराज इंडिया एक नई राजनीतिक पार्टी है और हरियाणा विधानसभा इस पार्टी के लिए किसी भी प्रकार का पहला चुनाव होने जा रहा है.

नई राजनीतिक पार्टी “स्वराज इंडिया” को चुनाव आयोग ने ‘सीटी’ चुनाव चिन्ह के तौर पर दिया है. इसका ऐलान करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि हम हरियाणा के सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. हम मुख्यधारा की राजनीतिक दलों के एक विकल्प के रूप में उभरेंगे. हमारा फोकस युवाओं, किसानों और महिलाओं पर होगा.

योगेन्द्र यादव ने ट्विटर पर इस बार चुनाव मैदान में उतरने की घोसना करते हुए लिखा “स्वराज इंडिया हरियाणा में चुनाव लड़ेगी। वैकल्पिक राजनीती की धारणा के अनुकूल जनहित के मुद्दों पर ही चुनाव लड़ेगी। वोटतंत्र लोकतंत्र पर भारी दीखता है। राह मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं। हम हरियाणा की जनता से गठबंधन करेंगे”

लगातार किसानों के लिए आवाज़ उठाने वाले योगेन्द्र यादव ने 2015 में स्वराज इंडिया की शुरुआत की थी जो अब देश के लिए एक नई राजनीतिक पार्टी और उससे भी महत्वपूर्ण एक अलग ऑप्शन के तरह उभरी है. पार्टी ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए ये भी कहा की इस बार के हरियाणा विधानसभा चुनाव में स्वराज इंडिया एक तिहाई सीटों पर महिलाओं एवं युवाओं को उम्मीदवार बनने जा रही है.

योगेंद्र यादव ने आगे कहा की स्वराज इंडिया पांच मुद्दों के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी. इनमें प्रमुख रूप से किसानों को लागत का डेढ़ गुणा दाम देने के साथ कर्जा मुक्ति, हर हाथ को काम, शराब के ठेकों का चलाने के लिए महिलाओं की स्वीकृति अनिवार्य, खेती व अन्य दिहाड़ी में लगे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी व कानून व्यवस्था में सुधार शामिल है.