DPS द्वारा 400 रुपये में मास्क बेचने वाली खबर की क्या है सच्चाई?

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DPS द्वारा 400 रुपये में मास्क बेचने वाली वायरल खबर तो शायद आपने भी पढ़ी या सुनी होगी! पिछले दो दिनों से मैं भी Facebook, WhatsApp, और अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर यह ख़बर देख-पढ़ रहा हूँ. लेकिन जो आप पढ़ रहे लोगों के स्टैटस या सोशल मीडिया साइट्स पर क्या वो ख़बर सच्ची है?

ऐसी ख़बरें देखने में चटपटी और सच के आसपास की होती है इसलिए लोग जल्दी यकीन कर लेते हैं. देश में निजी स्कूल अभिभावकों से पैसे वसूलने के मामले में अपनी ऐसी घटिया छवि बनाई है कि लोग आसानी से ऐसी बातों पर यकीन कर लेते हैं.

हालाँकि DPS ने इस खबर को अफवाह और Fake न्यूज मात्र बताया, लेकिन कई लोगों को इसके बाद भी लग रहा है की हो सकता है माहौल ख़राब होते देख डीपीएस अब 400 रुपये में मास्क बेचने वाली ख़बर को अफ़वाह बत रही है. DPS ने अपने एक फेसबुक पोस्ट में साफ किया है कि DPS (Delhi Public School) के तरफ से ऐसी कोई मास्क की अनिवार्यता नहीं की गई है और ना ही ऐसा कोई मास्क बनवाया है.

सोशल मीडिया पर पर खबर वायरल होने ke बाद DPS के सभी शाखाओं ने संज्ञान लेते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से और SMS के द्वारा अभिभावकों को 400 रुपय में DPS के लोगो के साथ बेची जाने वाली वायरल खबर का खंडन किया है.

दिल्ली पब्लिक स्कूूल सेक्टर 45 की निदेशक प्राचार्य अदिति मिश्रा ने इसे दूषित मानसिकता का नतीजा बताते हुए कहा कि निश्चित रूप से किसी भी डीपीएस से इसका संबंध नहीं है. इस सिलसिले में उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दी है. उन्होंने कहा कि ऐसी सोच रखने वालों पर दुख होता है.

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तकनीकी ने लोगों का काम कई मायनों में आसान तो किया है लेकिन वही कुछ लोग लगातार तकनीकी का ईस्तेमाल खबरों और जानकारियों का बंटाधार करने में लगा रहे हैं. ऐसी ख़बरों से तत्कालिक ही सही लेकिन DPS की छवि की ख़राब हुई. फेक न्यूज जिस किसी व्यक्ति या संस्था के बारे में होती है उसका नुकसान तो होता ही है लेकिन इससे लोगों का भी बहुत नुकसान होता है; क्योकि लोग फेक न्यूज को तो बढ़ चढ़ कर शेयर करते हैं लेकिन जब ख़बर की असलियत समने आती तो कोई इसकी जाँच और असली ख़बर को शेयर नहीं करता है और इसिलिय वायरल फेक न्यूज का सच कई लोगों तक नहीं पहुँच पता और गलत जानकारी के साथ ही लोग किसी व्यक्ति या संस्था की छवि बना लेते हैं.

इसलिए, हो सकता है फैक्ट चेक वाले ख़बरों में फेक न्यूज जैसा मसाला नहीं हो लेकिन फिर भी कम से कम जिन लोगों ने जाने अनजाने में फेक न्यूज शेयर किया है उन्हें फ़क़त चेक को जरूर शेयर करनी चाहिए; इससे अधिक से अधिक लोगों तक सही जानकारी पहुँच पाएगी और तभी गलत जानकारी फैलाने वाले जाल से बचा जा सकेगा.