सुप्रीम कोर्ट के द्वारा कड़े रूख के साथ उन्नाव रेप केस में हस्तक्षेप करने के बाद जाँच और अदालती कार्रवाई ने रफ़्तार पकड़ ली है, और अब इस मामले में जल्द न्याय मिलने का आसार दिख रहा है. बीते 1 अगस्त को पीड़िता के परिजन द्वारा दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि इस मामले के लिए तय किए गए एक जज दिल्ली में रोज़ाना सुनवाई शुरू करेंगे और इसे 45 दिनों के भीतर पूरी करेंगे. वहीं, 28 जुलाई को पीड़िता के साथ हुए दुर्घटना की जाँच पूरी करने के लिए सीबीआई को 7 दिनों का समय दिया गया था.
CBI की विशेष अदालत ने 2017 में उन्नाव में हुए एक नाबालिग लड़की के बलात्कार के मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ शुक्रवार को आरोप तय कर लिया है. दिल्ली में मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने सेंगर के साथी शशि सिंह के खिलाफ भी नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में आरोप तय किया किया है.
अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 363 (अपहरण), 366 (अपहरण एवं महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना), 376 (बलात्कार) और बाल यौन अपराध संरक्षण कानून (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं.
बता दें की इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि शशि सिंह ने पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सिंह सेंगर के घर ले गया. सीबीआई ने विशेष अदालत में पुरे मामले पर से पर्दा हटाते हुए कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर ने शशि सेंगर के साथ मिलकर रेप की साजिश रची थी. 4 जून 2017 को पीड़िता के साथ रात 8 बजे रेप हुआ. तब पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है. 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली लाने का आदेश दिया था. पीड़िता और पीड़िता के वकील को इलाज के लिए एम्स लाया गया है. जहां दोनों की स्थिति अभी भी गम्भीर बनी हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया कि पीड़िता के परिवार वालों के रहने की उचित व्यवस्था एम्स के आस-पास की जाए. साथ ही सीबीआई से गवाहों की सुरक्षा पर सील बंद रिपोर्ट मांगी गई है. तीस हजारी कोर्ट ने गवाहों के मामले में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को भी निर्देश जारी किए हैं.
दरअसल, पिछले महीने के 28 जुलाई को पीड़िता अपने पारिवारिक सदस्यों और वकील के साथ जेल में बंद अपने चाचा से मिलकर लौट रही थी तभी रायबरेली में उसकी कार को एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मारी. इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई जबकि खुद पीड़िता और उनके वकील की हालत गंभीर है. इस घटना के बाद उन्नाव रेप केस का पूरा मामला फिर से देश भर की मीडिया और लोगों की नज़रों में आ गया जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट को मामले में हस्तक्षेप करना परा.