एक समय था जब बिहार में RJD की सरकार के दौरान लचर क़ानून वेवस्था से तंग आकर अदालत ने वहाँ जंगलराज जैसी स्थिति की बात की थी. विपक्षी पार्टियों ने अदालत के उस टिप्पणी को समय-समय पर चुनाव और भाषणों में ख़ूब भुनाया. यहाँ तक की आज भी RJD सरकार की चर्चा होते हीं भाजपा और सहयोगी पार्टियाँ जंगलराज वाली टिप्पणी ज़रूर दोहराती है; लेकिन, अब देश की सबसे बड़ी अदालत, सुप्रीम कोर्ट ने BJP की योगी सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहा है की, यूपी सरकार से तंग आ चुके हैं हम, वहां जंगलराज जैसी स्थिति है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बुलंदशहर के 300 वर्ष पुराने श्री सर्वमंगला देवी बेला भवानी मंदिर से जुड़े प्रबंधन के मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं. ऐसा लगता है यूपी में जंगलराज है. आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में यूपी सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता.
जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल से पूछा कि क्या यूपी में कोई ट्रस्ट या सहायतार्थ ट्रस्ट एक्ट है? क्या वहां मंदिर व सहायतार्थ चंदे को लेकर कोई कानून है? यूपी सरकार के वकील ने कहा कि इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है. इस पर नाराज होकर पीठ ने कहा, ऐसा लगता है कि राज्य सरकार चाहती ही नहीं कि वहां कानून हो.
बीते दो महीने के भीतर ये दूसरी बार है जब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है. इससे पहले पिछले महीने एक मुस्लिम लड़की की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि महिलाओं और बाल अधिकारों के प्रति आप गंभीर नहीं है.