ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे की सीबीआई जांच में नया मोड़ आ गया है. सीबीआई ने बालासोर सिग्नल जेई (आमिर खान) का घर सील कर दिया है. जांच टीम ने कुछ दिन पहले ही हादसे को लेकर सिग्नल जेई से पूछताछ की थी. जिसके बाद से ही सिग्नल जेई अपने परिवार के साथ लापता है. 2 जून को हुए इस हादसे में अब तक 290 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि सैकड़ों लोगों का अभी भी इलाज चल रहा है.
सीबीआई को ओर से ट्रेन हादसे की जांच की शुरुआत 6 जून को गई. इससे पहले इस मामले में सीबीआई केस दर्ज की थी. सरकार की ओर से मामले की सीबीआई जांच का आदेश तब दिया गया जब इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ छेड़छाड़ की आशंका व्यक्त की गई. हादसे के बाद रेलवे के अधिकारियों ने कहा था कि हो सकता है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की गई हो.
मालगाड़ी से टकरा गई थी कोरोमंडल एक्सप्रेस
यह हादसा उस वक्त हुआ जब तेज रफ्तार से जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर में डिरेल होकर लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी. वहीं, उसके कुछ डिब्बे बगल की पटरी से गुजर रही दूसरी पैसेंजर ट्रेन से भी टकरा गए थे. हादसा इतना भीषण था डिब्बों के परखच्चे उड़ गए हैं. हादसे का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि कोरोमंडल ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के वैगन पर चढ़ गया था.
292 यात्रियों की मौत
हादसे में अब तक 292 यात्रियों की मौत हो चुकी है. जिस वक्त हादसा हुआ था उस समयें करीब 1200 लोग घायल हुए थे. इसमें 100 से अधिक बुरी तरह से चोटिल हुए थे. घटना के बाद रेल मंत्री के अलावा खुद प्रधानमंत्री मोदी भी घटनास्थनल का दौरा करने के लिए बालासोर गए थे. रेल मंत्री तीन दिन तक घटनास्थल पर मौजूद रहे और 51 घंटे के भीतर रेलवे लाइन को फिर से शुरू कर दिया गया था.
विपक्ष ने सरकार पर उठाए थे सवाल
हादसे को लेकर विपक्ष की ओर से भी कई तरह के सवाल उठाए गए. विपक्ष ने कहा कि जब भारत में ‘सुरक्षा कवच’ मौजूद हो उसे ट्रेन में क्यों नहीं लगाया गया था? हालांकि, जवाब में रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि यह हादसा सुरक्षा कवच नहीं होने से नहीं बल्कि किसी और कारण से हुआ है. इसके अलावा विपक्ष ने रेलवे की ओर से यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही सुरक्षा के मुद्दे पर निशाना साधा था.