अगर आप जानना चाहते हैं नेताओं के नज़र में आम आदमी या एक महिला की क्या औकाद-हैसियत है तो जवाब भाजपा (BJP) के ‘माननीय’ विधायक बलराम थावानी के करतूत से मिल जाएगा. शायद आपने भी देखा होगा वो वायरल वीडियो जिसमें अहमदाबाद में बीजेपी विधायक बलराम थवानी ने सरेआम बीच सड़क पर महिला की पिटाई की, उसे लात-घूंसे मारे. ये लात-घूंसे सिर्फ़ महिला पर नहीं बल्कि पीएम मोदी के स्लोगन ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ’ पर भी था. पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें विधायक महिला को बीच सड़क पर गुंडों की तरह पिटाई करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
इस वीडियो को गुजरात के हीं विधायक जिगणेश मेवानी ने ट्वीट कर पूछा “क्या हम माननीय प्रधानमंत्री से उम्मीद कर सकते है कि वह इस महिला को लातों से पीटनेवाले गुजरात के विधायक बलराम थावाणी को भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित करेंगे! या भाजपा के विधायक बहनों को सरेआम पीटते रहे और जनता चुपचाप देखती रहे? कारवाई तो करनी पड़ेगी!”
क्या हम माननीय प्रधानमंत्री (@narendramodi, @PMOIndia) से उम्मीद कर सकते है कि वह इस महिला को लातों से पीटनेवाले गुजरात के विधायक बलराम थावाणी को भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित करेंगे! या भाजपा के विधायक बहनों को सरेआम पीटते रहे और जनता चुपचाप देखती रहे? कारवाई तो करनी पड़ेगी! pic.twitter.com/42YW3ZNMhc
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) June 3, 2019
इस मामले की जड़ भी कहीं ना कहीं वही बात है जिससे भाजपा के लगभग सभी नेताओं को दिक्कत होती है और वो बात है सवाल करना या सवाल पूछा जाना. पीएम मोदी और भाजपा (BJP) के बड़े से छोटे कई नेता अमूमन जनता या पत्रकार के सवाल से कन्नी काटते दिख जाते हैं, यहाँ तक की कुछ नेता सवाल पूछे जाने पर टीवी स्टूडीओ से भी भाग खड़े होते हैं. इस मामले में भी शुरुआती कारण कुछ वैसा हीं बताया जा रहा है. इलाके में पानी कि किल्लत हो रही है. ऐसे में पानी की पाइपलाइन की शिकायत लेकर महिला विधायक के पास पहुंची थी. महिला की शिकायत सुनने की बजाय सत्ता के नशे में चूर बीजेपी विधायक ने बीच सड़क पर महिला की जमकर पिटाई की. पहले विधायक ने महिला को थप्पड़ जड़े और जब इतने से भी जी नहीं भरा तो लात-घूंसे मारे. इस बीच महिला चीखती और चिल्लाती रही, लेकिन बीच सड़क पर कोई महिला को बचाने नहीं आया, लोग बचाने आए भी कैसे! भला किसमे हिम्मत होगी सबसे ताक़तवर पार्टी के विधायक के सामने खड़े होने की.
जिस महिला की बीजेपी विधायक बलराम थवानी ने पिटाई की है. वह एनसीपी की स्थानीय नेता है, नाम है नीतू तेजवानी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं स्थानीय मुद्दों को लेकर बीजेपी विधायक बलराम थवानी से मिलने गई थी. लेकिन उन्होंने मेरी बात सुनने से पहले मुझे थप्पड़ मारे, जब मैं गिर गई तो उन्होंने मुझे लात मारी. उनके लोगों ने मेरे पति की पिटाई की है. मैं मोदी जी से पूछती हूं कि बीजेपी की हुकूमत में महिलाएं कितनी सुरक्षित हैं?”
Nitu Tejwani, NCP leader from Naroda: I had gone to meet BJP MLA Balram Thawani over a local issue but even before hearing me he slapped me, when I fell down he started to kick me. His people also beat up my husband. I ask Modi ji, how are women safe under the BJP rule? #Gujarat pic.twitter.com/PWUjekyyyC
— ANI (@ANI) June 3, 2019
वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी विधायक बलराम थवानी ने चौतरफा निंदा को देखते हुए माफी मांग ली है. विधायक ने कहा, “मैं भावनाओं से बह गया था, मैं गलती स्वीकार करता हूं. मैंने जानबूझकर नहीं किया. मैं पिछले 22 सालों से राजनीति में हूं, ऐसी बात पहले कभी नहीं हुई. मैं उससे (महिला) से माफी मांगूंगा.”
Balram Thawani,BJP MLA who was caught on camera kicking a woman NCP leader in Naroda: I got swayed by emotions,I accept the mistake, it was not intentional. I have been in politics for last 22 years,such thing has never happened before. I will say sorry to her. #Gujarat pic.twitter.com/FNZWzYt4gY
— ANI (@ANI) June 3, 2019
बस, हो गया! विधायक जी ने ग़लती मानते हुए माँफी माँगने की बात की अब और क्या चाहिए! आजकल राजनीति में निंदा और आपत्ति जताने मात्र से बड़े-बड़े अंतरराष्ट्रीय मामले को सलटा दिया जाता है फिर ये तो नेताजी से ग़लती से मिस्टेक हो गाय था, नेताजी ने माना भी उन्होंने “जानबूझकर कर नहीं किया” बस हो गया!. यही नहीं ख़बर है की बीजेपी विधायक बलराम थवानी ने बाद में माफी मांगते हुए महिला से राखी बंधवाई. थवानी ने कहा कि वह मेरी बहन की तरह हैं. हमारे बीच सारी गलतफहमियां खत्म हो गई हैं. मैंने उनसे वादा किया है कि अगर किसी भी मदद की जरूरत हो, तो मैं हमेशा तैयार रहूंगा.
अब इस तमाशे के बाद पार्टी से कार्रवाई की उम्मीद करना कठिन लगता है लेकिन क्या ये नेताओं की घटिया मानसिकता और सत्ता की सनक को नहीं दिखता? अगर कुछ देर के लिए ये भी मान लें की वो महिला किस पार्टी के तरफ़ से परदर्शन कर रही थी, लेकिन तब भी क्या ये उचित है की खुलेआम महिला को लात-घूंसे से सड़क पर पिटा जाए? और ऐसा करने वाले पर कोई कार्रवाई की बात नहीं हो. और क्या रखी बांधा लेने से अपराध ख़त्म हो जाता है? क्यों ऐसे शर्मनाक मामले में महिला आयोग कोई संज्ञान नहीं लेती.
विधायक जी का कहना है वो महिला उनकी बहन की तरह हैं, हो सकता है बलराम थवानी के परिवार में बहनों को सड़क पर लात-घूंसे मरने की परम्परा हो लेकिन देश की परम्परा और क़ानूनी तौर पर ये अपराध है, और ‘बेटी बचाओ, बेटी बढ़ाओ’ स्लोगन वाली पार्टी और प्रधानमंत्री के पास मौक़ा है कड़ी कार्रवाई कर एक उदाहरण सेट करने का.