माननीय अटल जी के अस्थि कलश यात्रा में बीजेपी के फुट रहे हैं हँसी के फुहारे

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इस बात में कोई दोराय नहीं है की अटल जी भारत के सबसे अच्छे और सबसे चहेते प्रधानमंत्री में से एक रहे, उनकी राजनीतिक का ज्यादातर हिस्सा एक विपक्ष के नेता के तरह बिता यही कारण है की व्यवहारिक तौर पर वो इतने सहज और परिपक्व थे | अटल जी अपने सभी के लिए आदर भाव रखते थे चाहे वो सत्तापक्ष के लोग हो या विपक्ष के लोग, मुझे नहीं लगता की उन्होंने कभी किसी का अनादर किया होगा और इसी कारण वो सर्व सम्मानित व्यक्ति माने जाते हैं |

अपने छोटे से शासनकाल में अटल बिहारी वाजपेयी जी ने देश हित ऐसे कई सराहनिए काम किया जो भारतीय राजनीतिक इतिहास के लिए मिल का पत्थर साबित हुआ उसी में से एक है पोखरण का परमाणु परीक्षण एक है | पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के शासन काल में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध हुवा जिसमे भारत की जीत हुई और पाकिस्तान को फिर से मूक की खानी पड़ी |

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वो ऐसे आखिरी राजनेता थे जिनके व्यक्तव्यों को सुन कर और जिन्हें देख कर हीं उनके देश हित की भावना का एहसास होता था | अटल जी में भारत को दुनियाँ के विकसित देशों के कतार में खड़े करने का भाव दीखता था और भरोसा भी होता था कि देश की बागडोर सही हाथ में है |

ये पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की राजनीतिक समझ की गहराई, सटीक सूझ-बुझ, और सभी के लिए आदर भाव का नतीजा था की सभी राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता और नेता हमेशा उन्हें सम्मान करते थे और जब उन्होंने अपनी आखिरी सांसें ली तो पूरे देश वासियों की आँखें नम हो गई |

और फिर अटल जी के मौत के साथ ही शुरु हुआ उनके नाम को भुनाने और इस्तेमाल करने का राजनीतिक ड्रामा | उनकी शव यात्रा तक तो सब बहुत अच्छा था और अटल जी को उनके व्यक्तित्व के अनुसार आख़िरी विदायी मिली, इस 6 कि.मी. लंबी पैदल यात्रा में हजारों लोगों के साथ प्रधानमंत्री मोदी खुद मौजूद रहे |

लेकिन, अब जो अटल जी के अस्थि कलश यात्रा के नाम पर जो नौटंकी भाजपा के नेताओं के द्वारा किया जा रहा वो कभी भी अटल जी को चाहने वाले अच्छा नहीं मान सकेंगे | एक मजाक सा हो रहा उनके अस्थियों के साथ लोग ठहाके लगा रहे, सेल्फी ले रहे, कोई वर्ल्ड कप के तरह उठा के फोटो ले रहा | यही नहीं उड़ीसा में एक लड़के को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया, जिस पर कलश यात्रा के दौरान अंडे फेंकने के प्रयास का आरोप है | इसे अपमान नहीं तो क्या कहेंगे, ऐसे इन्सान जिन्होंने कभी अपने विरोधियों तक का अपमान नहीं किया क्या उनके मरणोपरांत उन्हें आंशिक रूप से अपमानित नहीं किया जाना चाहिए ऐसे उनके अस्थियों को जिस प्रकार राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास हो रहा वो अपमानजनक है मेरे और उन सभी के नजरों में जो सम्मान करते हैं आदरणीय अटल जी का |

अटल जी को प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद या कहें की सक्रिय राजनीति से दूर होने के बाद भाजपा ने कितना याद किया, कितना सम्मान किया ये जग ज़ाहिर है | जिस तरह से भाजपा के सभी पुराने क़द्दावर नेताओं चाहे वो अटल जी हों, लाल कृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, या मुरली मनोहर जोशी हों जिस प्रकार उन्हें हाशिये पर धकेल दिया गया वो सभी जानते हैं और सबने देखा है | ऐसे में अटल जी स्वर्गवासी होने के बाद अचानक उनके लिए भाजपा का उमड़ता प्रेम का उटपटाँग लगना लाज़मी था जो अब भाजपा के नेताओं के चेहरे पर दिखना शुरु हो गया है |

नीचे इस पोस्ट में भाजपा नेताओं के कुछ विडिओ और फोटो शेयर कर रहा हूँ आप देखें और याद करें की आप आख़िरी बार ऐसे ख़ुशनुमा अस्थि यात्रा या शोक सभा देखा था वो अटल जी जैसे सर्वसम्मानित और सर्वमान्य व्यक्ति का | ये सभी फोटो और वीडियो भाजपा नेताओं के द्वारा आयोजित शोक सभा या अस्थि कलश यात्रा में लिया गया है |

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में ये भी नही कहता की शोक सभा या ऐसे किसी माहौल में हमेशा रोते रहना या हमेशा दुखी रहना कोई नियम है या कोई जरूरत है लेकिन जब आप ऐसे गणमान्य व्यक्ति के शोक सभा में हों तो कम से कम इज़्ज़त और आदरभाव तो दिखा ही सकते हो; अब ये भी कोई नियम तो नहीं है लेकिन कम से कम अपमान तो ना करे | जिन्होंने आपके पर्टी की नींव रखी, जिन्होंने देश के लिए इतना कुछ किया उनके लिये शोक नहीं तो कम से कम थोड़ा सम्मान ही दिखा दीजिए अगर वो भी नहीं हो पता तो सम्मान का नाटक हीं कर ले ताकि उनके चाहने वाले और उनके परिवार के लोगों को अपमानित तो ना महसूस करें |

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ये सब देख के अटल जी के परिवार के लोगों को बिलकुल अच्छा नहीं लगा और यही कारण है के उनकी भतीजी ने ANI से बात करते हुये कहा जब अटल जी जिंदा थे तब इन लोगों ने उनकी या उनके परिवार की कोई सूद नहीं ली अब चुनाव के कारण अपनी डूबते नैया को बचाने के लिए उनके नाम का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कर रहे हैं | साथ ही वो अटल जी की कही बातों पर भी चलने की सलाह देती दिखी |

हालाँकि ये दिख तो नहीं रहा लेकिन फिर भी अगर माननीय अटल जी की पार्टी रही भाजपा (बिजेपो) सच में उनकी सम्मान करती है तो उनके अधूरे सपने को पूरा करें, उनके पद चिन्हों पर चलने का प्रयास करे | भाजपा, कांग्रेस या कोई भी नेता चाहे किसी भी पार्टी का क्यों ना हों उन्हें अटल जी से सीखना चाहिये की एक दूसरे का अपमान किये बिना और अपने विरोधियों को नीचा दिखाए बिना भी राजनीति की जा सकती है |