October 2018 में देश की प्रमुख जाँच एजेन्सी के दो सबसे बड़े अधिकारियों के बीच हुए बवाल और CBI अधिकारी राकेश अस्थाना पर लगे घूसखोड़ी के आरोप कई दिनों तक न्यूज़ में बना रहा. इस मामले में CBI के पूर्व अधिकारी राकेश अस्थाना को हाल हीं में जाँच एजेन्सी ने क्लीन चीट दे था जिसे लेकर अब दिल्ली की एक अदालत ने सीबीआई को फटकारा है. बुधवार को अदालत ने सीबीआई से पूछा कि एजेंसी के पूर्व विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का उसने मनोवैज्ञानिक एवं लाइ डिटेक्टर परीक्षण क्यों नहीं करवाया.
इसके साथ ही सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने शुरुआत में जांच करने वाले अधिकारी अजय कुमार बस्सी को 28 फरवरी को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया. इस मामले में सीबीआई की जांच पर अदालत ने पिछले सप्ताह बुधवार को नाराजगी जाहिर की थी और पूछा था कि जिन आरोपियों की इसमें बड़ी भूमिका है वे खुले क्यों घूम रहे हैं जबकि जांच एजेंसी अपने खुद के डीएसपी को गिरफ्तार कर चुकी है.
CBI में कथित घूसखोरी कांड मामले में सीबीआई ने अस्थाना और डीएसपी देवेन्द्र कुमार को 2018 में गिरफ्तार किया गया था जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई थी. सीबीआई ने हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत के आधार पर अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया था. मीट कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ 2017 के मामले में सना पर भी जांच चल रही है.
CBI vs CBI alleged graft case: The Court while considering the recently filed chargesheet asked CBI, ‘Why no lie-detector test or any psychology test was conducted on Rakesh Asthana during the probe.
— ANI (@ANI) February 19, 2020
बता दें की सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को सरकार ने 23 अक्तूबर 2018 की मध्यरात्रि को जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. सरकार ने इसके साथ ही सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को भी छुट्टी पर भेजा गया था. ये दोनों अधिकारी एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे.
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