सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी ने मुख्य न्यायाधीश पर लगाया यौन शोषण का आरोप – CJI कार्यालय ने बताया आरोप निराधार

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  1. जूनियर सहायक के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में काम कर चुकी 35 वर्षीय एक महिला ने कल सुप्रीम के सभी मौजूदा न्यायाधीशों को पत्र लिखकर यह आरोप लगाया है की CJI ने उसे गलत तरीके से करीब आने की कोशिश किया और उसके मना करने पर उसे नौकरी से निकाल दिया.

यह आरोप बहुत गंभीर है. Scroll.in में छपे ख़राब में विस्तृत जानकारी दी गयी है. खबर में बताया गया है की बात 10-11 अक्टूबर 2018 कि है जब मुख्य न्यायाधीश ने महिला को आलिंगन करने की कोशिश की साथ हीं कई जगहों पर गलत तरीके से छुआ.

आरोप में यह भी कहा गया है की इसके 2 महीने के अन्दर 21 दिसम्बर को उसे नौकरी से निकाल दिया गया और कारण बताया गया की उसने 1 दिन बिना पूर्व सुचना के ऑफिस नही आ पायी थी. महिला ने तर्क दिया है उस दिन भी पहले बता चुकी थी की उसे अपने बच्चे के स्कूल में जाना था, उसे मीटिंग के बाद ऑफिस आने को कहा गया था परन्तु स्कूल की मीटिंग देर तक चलने के कारण वह ऑफिस नही आ सकी.

सुप्रीमकोर्ट के तरफ से प्रतिक्रिया में कहा गया है की यह आरोप बिलकुल निराधार है और यह सुप्रीम कोर्ट तथा मुख्य न्यायाधीश के छवि को धूमिल करने की कोशिश है.