सैनिकों की शहादत के बाद अब चीन नहीं चाहता भारत के साथ और अधिक झड़प

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Image Source: ANI

लद्दाख़ के गलवान घाटी में हिंसक झरप ने देश से 20 वीर जवानों को छीन लिया. देश को हुए इस बड़ी क्षति के लिए चीन ज़िम्मेदार है. भारत सरकार और भारतीय सेना के हर निर्णय के साथ आज पूरा देश एक साथ खड़ा है. हालाँकि अब विस्तरवादी सोच रखने वाला चीन बोल रहा की वो भारत के साथ और अधिक झड़प नहीं चाहता है. बत दें की न्यूज एजेंसी ANI ने एक इंटरसेप्ट के हवाले दावा किया है कि इस झड़प में चीन के भी 43 जवान हताहत हुए हैं.

भारत और चीन की बीच हुए मुठभेड़ पर टिप्पन्नी करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीनी पक्ष से, हम भारत के साथ और अधिक झड़पों को नहीं देखना चाहते हैं. गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. सीमा से जुड़े मुद्दों और हमारी कमांडर स्तर की वार्ता की सर्वसम्मति के बाद भी भारतीय सैनिकों ने हमारी सीमा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है.

हम भारत से अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से अनुशासित करने, उल्लंघन और उत्तेजक गतिविधि को रोकने के लिए बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने के लिए कहते रहे हैं. हम राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार कर रहे हैं. इसका सही और गलत होना बहुत स्पष्ट है. यह घटना एलएसी के चीनी पक्ष में हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं दिया जाए.

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चीन ने भी मान लिया है कि सोमवार (15 जून) रात वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प लेकिन इस दौरान कितने चीनी सैनिक हताहत हुए इसकी चीन ने कोई सटीक जानकारी नहीं दी है.