लीक हुए राफेल दस्तावेज की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में मंजुरी – मोदी सरकार के लिए झटका

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लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है. भारतीय रक्षा मंत्रालय से लीक हुए राफेल डील संबंधित दस्तावेज की वैधता को सुप्रीम कोर्ट ने मंजुरी दे दी है, इसके साथ हीं राफेल डील पर सरकार की दलीलें खारिज करते हुए SC कोर्ट ने इस मामले में दर्ज की गयी पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई को भी तैयार है.

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई , जस्टिस एस के कौल और के एम एम जोसेफ की तीन जजों वाली पीठ ने कहा कि अब वह राफेल सौदे में गलत करने का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ताओं द्वारा दिये नए दस्तावेज की रोशनी में समीक्षा याचिकाओं की सुनवाई करेगी.

द हिंदू अखबार में छपे राफेल डील संबंधित दस्‍तावेजों को केंद्र ने ‘राष्‍ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील’ बताते हुए कहा था कि यह दस्‍तावेज ‘अवैध रूप से फोटोकॉपी किए गए हैं.’ पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्‍हा, अरुण शौरी और वरिष्‍ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर न्‍यायालय ने 14 मार्च को फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट में मोदी सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि दस्‍तावेज अवैध रूप से फोटोकॉपी किए गए और फिर लीक हुए. सरकार ने दस्‍तावेजों को संवेदनशील बताते हुए अदालती रिकॉर्ड से हटाने की मांग की थी जो सुप्रीम कोर्ट में खारिज कर दिया गाय है.

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सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 के फैसले में राफेल डील को तय प्रक्रिया के तहत बताते हुए सरकार को क्लीन चिट दिया था. कोर्ट ने उस वक्त डील को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं भी खारिज कर दी थीं. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने राफेल डील के द हिंदू अखबार में आए नए दस्तावेजों के आधार पर इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थीं जिसे अब मंजुरी मिल गयी है.

सुप्रीम कोर्ट से फैसला आते हीं नेताओं की प्रतिक्रिया आना शुरू हो गया है.