भारत के सभी विपक्षी पार्टियाँ पहले ही सत्तारूढ़ पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी को राफेल डील के मुद्दे पर घेर रही थी ऐसे में फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति का राफेल डील से जुड़े बयान ने फिर से पुरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है और विपक्षी पार्टियों को एक ज्वलंत मुद्दा दे दिया है | कांग्रेस और अन्य सहयोगी विपक्षी पार्टियों का आरोप है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना के लिए ख़रीदे गए राफेल फाइटर जेट में धांधली को नज़रंदाज़ किया है, प्रधानमंत्री ने हजारों करोड़ के कर्जे में डूबी रिलायंस के अनिल धीरुभाई अम्बानी ग्रुप को फ़ायदा पहुँचाया है |
राफेल डील के तहत राफेल फाइटर जेट के निर्माता कंपनी दसाल्ट एविएशन (Dassault Aviation) को भारत में डील का 50% हिस्सा इन्वेस्ट करना था जिसे ओफ़्सेट के तौर पर भी जाना जाता है, ओफ़्सेट के तहत दसाल्ट एविएशन भारत के किसी सरकारी या गैर सरकारी कंपनी के साथ एविएशन से जुरे क्षेत्र में काम कर सकती थी | विपक्षी पार्टियों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने HAL (Hindustan Aeronautics Limited) को ओफ़्सेट के तहत मिलने वाले सौदे को अपने प्रभावा का इस्तेमाल कर क़र्ज़ में डूबी निजी कम्पनी रिलायंस डिफेन्स को दिलाने में मदद किया, वो रिलायंस डिफेन्स कम्पनी जिसके पास न कोई ऐसे क्षेत्र में काम करने का कोई अनुभव नहीं है और जो कंपनी राफेल डील के फाइनल होने के सिर्फ 12 दिन पहले ही रजिस्टर किया गया |
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कुछ दिन पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सरकार के लोगों ने साफ-साफ इस बात का खंडन करते हुए कहा था दसाल्ट एविएशन किसके साथ भारत में काम करना चाहती है ये हमारे अधिकार क्षेत्र से बहार था, ओफ़्सेट के तहत कंपनी के पास पार्टनर चुनने की आज़ादी होती है | लेकिन, फ्रांस्वा ओलांद जो फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति हैं उन्होंने फ्रांस के मीडिया में एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने इशारा किया की उनके पास कोई ऑप्शन नहीं था क्योंकि भारत सरकार ने एक मात्र रिलायंस डिफेंस का नाम सुझाया था | फ्रांस्वा ओलांद का बयान इसलिए भी बहुत मायने रखता है क्योंकि जब राफेल डील फाइनल किया गया था तब फ्रांस्वा ओलांद हिं फ्रांस के राष्ट्रपति थे |
फ्रांस्वा ओलांद का बयान फ्रांस के MediaPart नामक वेबसाइट पर खबर प्रकशित होते हिं यह खबर भारत के मीडिया में छा गया, सोशल मीडिया और हर जगह इसकी होने लगी और सुरु हो गया ऑनलाइन ट्रोलिंग | 2014 में राजग के सत्ता में आने के बाद ऐसा पहली बार देखा गया जब प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा को ऐसे ट्रोल किया जा रहा हो, भाजपा IT Cell और सोशल मीडिया मैनेजमेंट के लिए प्रख्यात है लेकिन फ्रांस्वा ओलांद का बयान के बाद भाजपा बैकफूट पर है |
Twitter पर लोग तरह-तरह के #Tag इस्तेमाल कर रहें हैं और ट्विटर ट्रेंड पर नज़र रखने वाली वेबसाइट trends24.in के अनुसार #Mera_PM_Chor_Hai, #RafaelDeal, #ModiWapasJao, और #Dassault जैसे हैश टैग आज सुबह से ट्रेंड कर रहा है | सोशल मीडिया पर शेयर हो रहे कुछ प्रमुख विडियो और मेसेज निचे है |
Wondering who will from the @BJP4India come forward tonight to explain why the #RafaleScam is not a Scam- Desh ki Rafale Mantri ji, desh ke Prachi Mantri ji , desh ke Blog Mantriji, Desh ki Troll Mantriji ya building ki secretary ji? #RafaleScam #ChowkidarChorHai
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) September 21, 2018
Indian PM Narender Modi, two Defence Ministers (@manoharparrikar ,@nsitharaman & Finance Minister @arunjaitley repeatedly lied to nation on #RafaleScam . They not only mislead the country but thrashed the trust of billions. PM must resign for being partner. #ModiRafaleLiesExposed https://t.co/okTMHwh6cb
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 21, 2018
The RM (Rafale Minister) tasked with defending corruption has been caught lying again. The former HAL Chief, T S Raju, has nailed her lie, that HAL didn’t have the capability to build the RAFALE. Her position is untenable & she must resign. https://t.co/7mKXV5wo8x
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2018
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