बिहार की नीतीश सरकार, वहाँ की पुलिस, और CBI के लिए इससे अधिक शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि सुप्रीम कोर्ट के लगातार फटकार के बाद भी मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में चल रही जांच की 5 गवाह समेत 7 बच्चियाँ लापता हो जाती है और किसी को कोई भनक तक नहीं लगती.
ये घटना तब हुई जब पूरा विपक्ष इस मामले में नीतीश कुमार को जांच के घेरे में लेने की अपील CBI और कोर्ट से कर रहा है, जिसके लिए कोर्ट में एक अर्जी दाखिल किया गया है और कोर्ट ने अर्ज़ी CBI को अग्रसारित भी कर दिया है.
यह घटना मोकामा स्थित शेल्टर होम की है, लापता 7 लड़कियों में 5 मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में हुए बच्चियों के साथ यौन शोषण की गवाह थी जिन्हें घटना उजागर होने के बाद मोकमा शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया था. लेकिन, शायद प्रशासन ऐसे शर्मनाक घटना के बाद भी होश में नहीं आई है क्योंकि सप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पन्नी के बाद भी लड़कियों का ऐसे ग़ायब हो जाना कोई साधारण बात नहीं है. इससे तो यही लग रहा है की नीतीश सरकार बिहार के शेल्टर होम में रह रहे बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभी भी सजग नहीं है या कहें की आज भी बिहार के शेल्टर होम बच्चे सुरक्षित नहीं है.
इस घटना के टाइमिंग से ये अंदाजा लगाना मुश्किल नही है कि घटना के गवाह लड़कियों के गायब होने से किसे लाभ मिलने वाला है. क्या नीतीश सरकार और सीबीआई घटना के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बचाना चाह रही है या नीतीश कुमार खुदको बचाने के प्रयास में हैं? या फिर केंद्र सरकार की तोता मानी जानी वाली CBI सोची समझी साजिश के तहत मामले में ढिलाई बरत रही है?
ये सवालें इस शेल्टर होम में हुई घटना से संवेदना रखने वाले सभी लोगों के मन में उठना लाजमी है, और नीतीश सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या बिहार की कानून व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी घटना से जुड़ी अहम गवाहों की सुरक्षित रखने में बिहार सरकार असफल हो रही है.
हालांकि मीडिया और विपक्ष के जोरदार दवाब के बाद बिहार पुलिस ने 7 में से 6 लड़कियों को ढूँढ लिया है लेकिन एक लड़की अभी भी लापता है और पुलिस तलाश में जुटी है.
मुज्जफरपुर शेल्टर होम कांड को लेकर नीतीश सरकार पर विपक्ष ने पहले हीं हमला तेज कर दिया है. कुछ दिन पहले हीं बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. तेजस्वी ने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर बलात्कार कांड (Muzaffarpur Shelter Home Case) में स्पष्ट और सीधे रूप से संलिप्त है क्योंकि इन्होंने TISS की रिपोर्ट आने के दो महीनों तक ब्रजेश ठाकुर पर FIR नहीं होने दी, उसे जेल नहीं भेजा.
अभी शेल्टर होम से 7 लड़कियाँ लापता होने की घटना के बाद फिर से बिहार के विपक्षी पार्टियाँ सीएम नीतीश कुमार को घेरने का प्रयास कर रही है. शेल्टर होम से 7 लड़कियों के लापता होने की ख़बर सामने आने के बाद तेजश्वी यादव ने एक के बाद एक ट्वीट कर नीतीश कुमार पर निशाना साधा.
मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम की गवाह बची 7 बच्चियों को भी ग़ायब किया गया।सत्ता शीर्ष पर बैठे किस शख़्स को बचाने की साज़िश हो रही है? पीड़ित बच्चियाँ अभी भी क्यों सुरक्षित नहीं है? SC की मॉनिटरिंग के बावजूद ये दु:साहस कौन कर रहा है? सीएम को किस बात का डर है?https://t.co/fgSTvAjNzt
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) February 23, 2019
बलात्कार कांड के मुख्य अभियुक्त ब्रजेश ठाकुर की पेशी से पहले मुजफ्फरपुर शेल्टर होम की गवाह सहित 7 लड़कियां लापता, क्या पीड़िता को गायब कर अपराधियों को ख़ुद को बचा रहे हैं नीतीश?https://t.co/tTqUHPkkY7
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) February 23, 2019
इस मामले पर टिप्पन्नी करते हुए कुछ दिन पहले महगठबँधन में शामिल हुए आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा “#Muzaffarpur कांड की ये पीड़िताएँ फरार नही हुई है बल्कि प्रतीत होता कि सरकार द्वारा गायब कराई गई है। इस अपराध में #सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट सीधे तौर पर मुख्यमंत्री जी को दोषी मान रही है।”
#Muzaffarpur कांड की ये पीड़िताएँ फरार नही हुई है बल्कि प्रतीत होता कि सरकार द्वारा गायब कराई गई है। इस अपराध में #सीबीआई और सुप्रीम कोर्ट सीधे तौर पर मुख्यमंत्री जी को दोषी मान रही है।
श्री @NitishKumar जी अविलंब इस्तीफा दें, क्योंकि आपसे अन्य बच्चियों के जान को भी खतरा है। https://t.co/VADZF3Ypdo
— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) February 23, 2019
बता दें की सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान नीतीश कुमार की सरकार और वहाँ की कानून व्यवस्था पर तल्खी के साथ टिप्पणी किया था, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था, हम सरकार नहीं चला रहे है लेकिन हम ये जानना चाहते हैं कि आप कैसे सरकार चला रहे हैं? कम से कम बच्चों को तो बख्श दीजिए.