राजनीति में आपसी मतभेद और उम्मीदवारों का एक दूसरे पर कीचड़ उछालना चुनाव और चुनाव परिणाम तक ही होता है. एक बार जनता ने अपना वोट देकर चुनाव जीता दिया फिर जनता का मुद्दा कुछ भी हो, चाहे कुछ भी बोलकर जनता से वोट लिया गया हो लेकिन महत्वता सिर्फ़ नेताओं और पार्टियों के अपने मुद्दे और फ़ायदे को ही मिलता है.
राजनीतिक पार्टियाँ कोई भी हो, चुनाव के बाद सत्ता में आने के लिए कुछ भी करने को तैयार होती है; यहाँ तक की चुनाव प्रचार में जिन नेताओं और पार्टियों की बुराई कर वोट पाते हैं चुनाव परिणाम के बाद बिना देरी के उन्ही लोगों के साथ हो लेते हैं. जिनके वोट से पार्टियाँ चुनाव जीतती है उन मतदाताओं को सिर्फ राज्यहित और देशहित जैसे जुमले थमा दिए जाते हैं.
दुष्यंत चौटाला की सिर्फ़ 11 महीने पुरानी पार्टी JJP ने हरियाणा में ज़बरदस्त प्रदर्शन किया. 90 सीटों की हरियाणा विधानसभा में JJP 10 सीटें जीतकर आई. राज्य में दोनों बड़ी पार्टियाँ भाजपा(40) और कांग्रेस(31) सरकार बनाने के लिए जरूरी 46 सीटों से दूर रही, ऐसे में दुष्यंत चौटाला को सत्ता की चाभी मिल गई जिसका दुष्यंत ने सही इस्तेमाल भी किया. दुष्यंत चौटाला ने भाजपा के साथ मिलके सरकार बनने का एलान कर दिया. हरियाणा में पिछली सरकार भाजपा की थी और केंद्र में भी भाजपा की सरकार है, ऐसे में कोई भी नई और छोटी पार्टी भाजपा के साथ ही जाती.
लेकिन क्या दुष्यंत चौटाला के लिए भाजपा का केंद्र की सत्ता में होना और सबसे ताकतवर पार्टी होना ही सिर्फ एक कारण होगा गठबंधन के पीछे? शायद नही! दुष्यंत चौटाला के पिता अजय चौटाला हरियाणा में जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) टीचर भर्ती घोटाला में 10 साल की सजा काट रहे हैं. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई थी. इस घोटाले में कुल 55 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था.
दुष्यंत चौटाला का भाजपा को समर्थन की घोषणा के तुरंत बाद टीचर भर्ती घोटाला में सजा काट रहे अजय चौटाला की जेल से छुट्टी मिलने की ख़बरें आने लगी. क्या ये सिर्फ़ एक संयोग है, या दुष्यंत चौटाला का भाजपा के साथ डील? ये समझना इतना भी मुश्किल नहीं है. भाजपा से गठबंधन के एलान के एक दिन अंदर अजय चौटाला दो हफ़्तों की छुट्टी पर जेल से बाहर हैं.
अजय चौटाला को जेल के अंदर अच्छे आचरण के आधार पर फर्लो के तहत छुट्टी मिली है. किसी भी सजायाफ्ता कैदी को जिसे 5 साल या उससे ज्यादा की सजा हुई हो और वो 3 साल जेल में अपनी सज़ा भी काट चुका हो; तो ऐसे कैदी को साल भर में 7 सप्ताह फर्लो दिए जाने का प्रावधान है. हालांकि इसमें शर्त ये है कि उसका कैदी का आचरण सही हो और वो आदतन अपराधी न हो. भारत का नागरिक हो, गंभीर अपराध का दोषी न हो. फर्लो के लिए कैदी को अपनी अर्जी डीजी जेल के पास भेजनी पड़ती है, इसके बाद डीजी ऐसे अर्ज़ी को गृह विभाग के पास ले जाता है, और अंत में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद फर्लो दिया जाता है.
जेल से बाहर आने के बाद अजय चौटाला अपने बेटे की तारीफ़ करते हुए कहा कि दुष्यंत मेरी सलाह के बगैर कोई फैसला नहीं लेता है. गठबंधन को लेकर भी उसने मुझसे बात की थी, इसके लिए मैंने सहमति दे दी. अजय चौटाला ने आगे कहा “उसने मात्र 11 महीने पहले पार्टी बनाई थी. हम तो जेल में बंद हैं. अपनी मेहनत के दम पर एक संगठन को खड़ा किया. साथियों के साथ मिलकर उसने काम किया. आज नतीजे आपके सामने हैं, उसने कैसे-कैसे लोगों को इस चुनाव में उनकी हैसियत बता दी है.”
कांग्रेस पार्टी की प्रियंका गांधी ने अजय चौटाला को फर्लो मिलने पर तंज कसते हुए ट्वीट किया, प्रियंक गांधी ने ट्विटर पर लिखा “अखिल भारतीय भ्रष्टाचार धुलाई मशीन चालू आहे!”
अखिल भारतीय भ्रष्टाचार धुलाई मशीन चालू आहे! https://t.co/FyALFymM0C
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 26, 2019