दुनिया जानती है की चीन में मीडिया पूरी तरह सरकार के इशारे पर काम करती है, चीन की मीडिया में सिर्फ़ उन्हीं ख़बरों को दिखाया जाता जिसे वहाँ की सरकार दिखाना चाहती है. सोमवार को भारत के लद्दाख की गालवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हो गाए, भारतीय सेना ने इसकी पुष्टि भी की है. वहीं दूसरी तरफ न्यूज एजेंसी ANI ने एक इंटरसेप्ट के हवाले दावा किया है कि चीन के भी 43 जवान हताहत हुए हैं.
लेकिन, चीनी मीडिया में इस खबर को पूरी तरह दबा दिया गया है. यहाँ तक की अमेरिकी मीडिया में भी सोमवार को हिंसक झरप होने के बाद मंगलवार को भारत और चीन विवाद की चर्चा करते हुए ख़बरें प्रकाशित की है. चीन में मीडिया ने इस ख़बर को कोई प्राथमिकता देना उचित नहीं समझा जबकि अमेरिकी अख़बारों में मंगलवार को विभिन्न लेखों के माध्यम से 15 जून को चीनी और भारत के बीच हुए हिंसक झरप को प्राथमिकता से कवर किया है.
भारत और चीन के बीच हुए झरप के बाद भारतीय सेना ने अपने अधिकारिक बयान में बताया कि 15-16 जून की दरमियानी रात भारत-चीन की झड़प हुई थी. लाइन ऑफ ड्यूटी पर 17 भारतीय टुकड़ियां जख्मी हुईं. सब-जीरो टेंप्रेचर (बेहद ठंडे) वाले इलाके में हमारे जवान देश के लिए शहीद हुए, जिनकी संख्या 20 है. भारतीय सेना अपने देश की अखंडता और संप्रभुता को सुरक्षित रखने के लिए सदैव प्रतिबद्ध है.
गलवान घाटी में हुए इस हिंसक झड़प में एक नया अपडेट सामने आ रहा है, जी न्यूज़ ने सूत्रों के हवाले से कहा है की गलवान घाटी में रात के अंधेरे में हुई झड़पों में कई सैनिक नदी या खाई में गिरने से शहीद हुए. बताया जा रहा है की चीनी सैनिक कील लगे डंडों और कंटीले तार लपेटे लोहे की रॉड से लैस थे और पूरी तैयारी के साथ आए थे.