
पुलवामा में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित कायरतापूर्ण आतंकी हमले ने सभी देशवासियों की आँखें नम कर दी. आज घटना के 6 दिन बाद भी पूरा हिंदुस्तान इस दुख में डूबा है और सभी की निगाहें भारत सरकार की ओर है, सभी आज मोदी सरकार से मुंहतोड़ जवाब की उम्मीद लगाए बैठे हैं.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी प्रमुख सत्तारुढ़ पार्टी के नेता ये भरोसा दिला रहे हैं कि पाकिस्तान को उसके इस कायराना और नापाक हरकत के लिए बख्शा नहीं जाएगा. प्रधानमंत्री मोदी कई बार ये बता चुके हैं की हमारी सेना को पूरी छूट दे दी गई है और वो जब चाहे पाकिस्तान को उचित जवाब दे सकती है, साथ हीं प्रधानमंत्री ने कहा, दुश्मन ने गलती कर दी है और इस बार वो बचने वाला नहीं है, उसे किसी भी सूरत में माफ नहीं किया जा सकता.
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF के जवानों को ले जा रही बसों के काफिले पर हुए फिदायीन हमले की जवाबी कार्रवाई की शुरुआत तो भारत ने कर दी है. भारत सरकार एक के बाद एक ऐसे फैसले ले रही है जो दिखाता है कि सरकार शहीद हुए हमारे वीर जवानों की कुर्बानी जाया नहीं जाने देगी.
पुलवामा हमले के बाद सरकार द्वारा अब तक लिए गए कुछ प्रमुख फैसले:
- भारत सरकार ने पाकिस्तान को मोस्ट फ़ेवर्ड देश की सूची से बाहर कर दिया है जिसका सीधा प्रभाव भारत से पाकिस्तान को मिलने वाले व्यावसायिक फ़ायदे पर होगा.
- पाकिस्तान से व्यावसायिक आयात पर 200% की कस्टम ड्यूटी लगा दी गई है जिसका सीधा असर पाकिस्तान से आयात होने वाली सामग्री पर होगा.
- पाकिस्तान से सहानुभूति रखनेवालों और जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को मिलने वाली सुरक्षा और अन्य सरकारी सुविधाएं वापस ले ली गई है. ये अब तक का सबसे महत्वपूर्ण और ठोस फैसला है जिसकी माँग देशवासियों द्वारा कई सालों की जा रही थी जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को सरकार से मिलने वाले सुरक्षाकर्मियों को तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है और अन्य सरकारी सुविधाएं जैसे सरकारी वाहनों को भी वापस ले लिया गया है.
मैं इसे मोदी सरकार के द्वारा अब तक लिए गए फैसलों में सबसे महत्वपूर्ण मानता हूं, क्योंकि ये कहीं से भी उचित नहीं है कि देश के खिलाफ साजिश करने वाले, आतंकवादियों के लिए आँसू बहाने वाले और हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान से संवेदना रखने वाले लोगों को देश के टैक्स पेयर के पैसों से सुरक्षा और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए.
ऐसे लोगों को पाकिस्तान की तरह ही अलग थलग करना जरुरी है, वास्तव में ऐसे लोग सीमापार दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक है. हमें पहले ऐसे लोगों से निपटना चाहिए तकि हम अपने देश के अंदर मजबूत रहें. हमारे देश में बैठ कर हमारे पैसों पर पलने वाले ऐसे लोग दीमक की तरह हमारे देश को अंदर से कमजोर करते हैं इसलिए इनसे निपटना ज्यादा जरूरी है.
आज बस 5 प्रमुख अलगाववादी नेताओं को सरकारी सुविधाओं से बेदखल किया गया है लेकिन ये सिलसिला रुकना नहीं चाहिए ऐसे सभी लोगों को और इनसे संवेदना रखने वालों का पता लगाना और उन्हें बेनकाब करना अत्यंत आवश्यक है.
सभी देशवासियों को भारत सरकार पर भरोसा है कि अतिशीघ्र सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकार की तरफ से दिख रहे प्रयासों से भी ऐसा ही लग रहा जैसे कि एक बड़े कदम की तैयारी हो रही हो.
- ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारत को बड़े पैमाने पर विदेशी मुल्कों का भी साथ मिल रहा है. भारत सरकार ने G20 देशों समेत अन्य देशों से आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई और पाकिस्तान को दुनिया में अलग-थलग करने में सहयोग मांगा है और सभी देशों के सरकार ने भारत को आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में हर संभव सहयोग का ठोस भरोसा किया है.
- दुनियाँ के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने खुलेआम कहा है कि भारत को अपने ऊपर हुए इस आतंकी हमले के बाद अपनी सुरक्षा के लिए करवाई करने का पूरा अधिकार है.
- पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड आतंकी गाजी उर्फ कामरान को सेना ने 18 फरवरी को मार गिराया: पुलवामा में 40 जवानों की शहादत के पांचवें दिन सुरक्षाबलों ने इस हमले की जवाबी कारवाई के तहत कमांडर गाजी उर्फ कामरान और एक अन्य लोकल आतंकवादी को ढेर कर दिया. हलांकि, अफ़सोस इस बात कि इस कारवाई में मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल सहित भारतीय सेना के चार जवान शहीद हुए और एक जवान घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं.
भारतीय सेना द्वारा जगह जगह निरंतर कार्रवाई की जा रही है लेकिन इस बीच सोशल मीडिया का एक नया रंग दिखा है, व्यक्तिगत हमले और आपत्तिजनक शब्दों के प्रयोग के लिए बदनाम सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलवामा हमले के बाद एक सराहनीय पहल की है. इसमें ऐसे लोगों को चिन्हित करना शामिल है जो हमारे आस पास रहकर आतंकीयों को सराहते हैं और देश लिए अनुचित सोच रखते हैं.
ये सही तरीक़ा मालूम पड़ता है देश विरोधी सोच रखने वालों को जवाब देने का, चिह्नित करने का. लेकिन, ऐसे हालात में ये ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि किसी बेक़सूर को कोई परेशानी नहीं हो. हम सभी सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं, अगर आपको कोई ऐसा पोस्ट दिखता है जो देश विरोधी हो तो आप इसकी ख़बर प्रसाशन को दें.
ऐसा करने के लिए आप कॉमेंट या पोस्ट करने वाले के प्रोफ़ायल में जा जाएँ, उसके बारे में पता लगाएँ और फिर आप सम्बंधित विभाग, स्थानीय प्रसाशन, कम्पनी को टैग करें या रिपोर्ट करें.
हम सभी जानते हैं की हमारे दुश्मन को हमारी एकता से परेशानी है और ऐसे में अगर कुछ असमाजिक तत्वों के कारण आपस में नफ़रत की भावना फैलती है तो इससे कहीं ना कहीं देशद्रोही ताक़तों को मदद मिलेगी.
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पुलवामा हमले पर पाकिस्तान का जवाब
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 6 दिन बाद पहली बार पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की ओर से बयान आया है. इमरान खान ने भारत को सफाई देते हुए पुलवामा हमले में झूठा आरोप लगने की बात की है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आगे कहा, अगर आप हम पर कार्रवाई करेंगे तो हम भी जंग के लिए तैयार हैं, हमारे पास कार्रवाई का जवाब देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं होगा. इमरान खान ने कहा कि भारत दुनिया की किसी भी एजेंसी से जांच करा लो, हम तैयार हैं। हम दहशतगर्दी पर भी बात करने को तैयार हैं। भारत सोचे कि कश्मीर के युवा मरने-मारने पर क्यों उतर आए?