अब भारत में भी कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की एंट्री हो गई है. ब्रिटेन से आए 6 लोग कोरोना वायरस के नए प्रकार से संक्रमित पाए गए हैं. जानकारी के मुताबिक इन सभी लोगों को राज्य सरकार द्वारा एक सेल्फ आइसोलेशन रूम में रखा गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इन 6 लोगों में से तीन में नया स्ट्रेन बेंगलुरु की NIMHANS में, 2 हैदराबाद की सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में और एक पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की लैब में पाया गया है.
Samples of 3 UK returnees have been tested & found positive for new UK strain in NIMHANS, Bengaluru, two in Centre for Cellular and Molecular Biology, Hyderabad & one in National Institute of Virology, Pune. All 6 people have been kept in single room isolation: Health Ministry https://t.co/tgrWYLKh2G
— ANI (@ANI) December 29, 2020
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बेंगलुरु के NIMHANS में ब्रिटेन से लौटे तीन लोगों का सैंपल टेस्ट किया गया था जिसमें ये नया स्ट्रेन मिला है. इसके अलावा दो लोगों का सैंपल सेंटर फॉर सैल्यूलर ऐंड मोलोकूलर बायोलॉजी, हैदराबाद में पॉजिटिव पाया गया. एक अन्य शख्स का सैंपल नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में जांच की गई थी, जहां शख्स कोरोना के नए स्ट्रेन से पीड़ित पाया गया है. मंत्रालया ने बताया कि सभी को अगल-अलग आइसोलेशन में रखा गया है.
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट (B.1.1.7) या नए COVID-19 स्ट्रेन के बारे में अभी वैज्ञानिकों और कोरोना वायरस पर काम कर रहे एक्स्पर्ट को भी अधिक जानकारियाँ नहीं मिल पायी है. इसके बेहद नया होने के कारण अभी भी इसके जीनोम संरचना पर अभी रिसर्च चल रहे हैं. वैज्ञानिक अभी यह पता लगाने में जुटे हैं कि इसमें हुए म्यूटेशन से वायर और ज्यादा खतरनाक हो रहा है या कमजोर और क्या नया स्ट्रेन जांच में सही से पकड़ा जा सकता है या नहीं.
नया स्ट्रेन के बारे में बताया जा रहा है की यह बहुत ही संक्रामक है. आम स्ट्रेन के मुकाबले कोरोना का नया स्ट्रेन तीन गुना ज्यादा संक्रामक है. कोरोना का नया स्ट्रेन कितना खतरनाक है, यह स्पष्ट नहीं है और इसके बारे में शोध किया जा रहा है. हालाँकि इसका 3 गुना अधिक संक्रामक होने ही अपने आप में एक बड़ी समस्या है. बता दें की नया स्ट्रेन के इस वैरिएंट में पिछले कुछ महीनों में ही 23 बार म्यूटेशन हुआ है जो अभूतपूर्व है तथा हैरान करने वाला है.
जानकारों और कोरोना पर शोध कर रहे विशेषज्ञों का मानना है की वायरस का रूप बदलना कोई नई बात नहीं है. कोरोना वायरस महीने भर में एक या दो बार अपना रूप बदलता रहा है. हालांकि, कोरोना का पहले का नया रंग-रूप उतना ज्यादा संक्रामक नहीं था. यह स्ट्रेन इसलिए ज्यादा खतरनाक है क्योंकि इसके 8 रूप जीन में प्रोटीन बढ़ाने वाले हैं. लेकिन इसमें दो सबसे ज्यादा चिंता पैदा करने वाले हैं. पहला, N501Y रूप, इसके कारण वायरस और ज्यादा खतरनाक हो सकता है और शरीर के सेल्स पर हमला कर सकता है. दूसरा, H69/V70। यह रूप शरीर की इम्युन क्षमता को नुकसान पहुंचाने वाली है.
इस स्ट्रेन में तेज़ी से फैलने की क्षमता बेहद चिंताजनक है क्योंकि यह बड़ी संख्या में लोगों को बीमार कर सकता जिसके लिए अभी भी दुनियाँ के किसी भी देश का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार नहीं है. यही नहीं, नया स्ट्रेन के कारण कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine Update) की सफलता पर खतरा मंडराने लगा है.