संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC – United Nation Security Council) ने आख़िरकार पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर अपना बयान जड़ी किया. इसे भारत के लिए और नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तरह देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सीआरपीएफ़ के क़ाफ़िले पर किया गया फ़िदायनी हमले के एक सप्ताह बाद ये बयान आया है; जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस हमले को जघन्य और कायरतापूर्ण बताया है और साथ ही सभी देशी को भारत के साथ सहयोग करने की अपील भी की है.
भारत सरकार के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत इसलिए भी है क्योंकि कहा जा रहा रहा है की चीन इस बयान के मसौदे को कमज़ोर करने का हरसंभव प्रयास कर रहा था और इसमें प्रयोग किए गई आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के नाम को हटाना चाह रहा था जिसके कारण यूएनएससी के तरफ़ से बयान आने में विलम्ब हो रही थी. हालाँकि, अमेरिका समेत सुरक्षा परिषद के अन्य राष्ट्रों के लगातार किए जा रहे प्रयासों के बाद आख़िर ये बयान जड़ी हो पाया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इसकी जानकारी ट्विटर पर साझा किया.
Pakistan comes under international pressure to act against terrorists & terror groups operating from areas under its control & to take action against those responsible for Pulwama attack. UNSC strongly condemns cowardly suicide bombing in #Pulwama by JeM. #TimeToAct pic.twitter.com/WRTkGuCt20
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) February 22, 2019
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से आए इस बयान में पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अज़हर के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र होने से भारत को पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलफ लड़ाई और बल मिलेगा, साथ ही अब पाकिस्तान पर आतंकी के खिलफ जल्द कारवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव भी और तेज़ होगा.
UNSC (यूएनएससी) के 15 देशों के इस संगठन में चीन भी शामिल है. सुरक्षा परिषद ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का जिक्र करते हुए कहा है कि ऐसे हमलों के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाकर कड़ी सजा दी जानी चाहिए. इस बयान के बाद चीन ने नया पैंतरा अपनाते हुए कहा की बयान में पाकिस्तान स्थित संगठन का जिक्र ‘जनरल टर्म्स’ में किया गया है, यह कोई फैसला नहीं है. इसके साथ ही ऐसा पहली बार हुआ है जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों पर हुए हमले पर बयान जारी कर निंदा की हो. सुरक्षा परिषद के इस बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आतंकवाद पर दोहरे रवैये रखने वाले पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश में एक बड़ी सफलता के तरह देखा जा सकता है.