दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के सामने सांसद तेजस्वी सूर्या की अगुवाई में हो रहे प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के आवास पर हमला कर दिया. BJP कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और वहां लगा बूम बैरियर भी तोड़ दिया. ये सब किसी साधारण जगह पर नहीं बल्कि एक मुख्यमंत्री के घर के दरवाज़े पर किया गया.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बड़ा आरोप लगाया है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और वहां लगा बूम बैरियर भी तोड़ दिया. सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा पर मुख्यमंत्री केजरीवाल को जान से मारने की साज़िश करने का भी आरोप लगाया.
केजरीवाल की हत्या करवाना चाहती है बीजेपी! https://t.co/JnhCi41Oee
— Manish Sisodia (@msisodia) March 30, 2022
Punjab में AAP की जीत से बौखलाई BJP
Delhi Police के साथ मिलकर किया CM @ArvindKejriwal पर जानलेवा हमला
BJP इतनी बौखला गई है कि केजरीवाल जी की हत्या की साज़िश रच रही है
BJP को डर है कि केवल केजरीवाल ही PM Modi को टक्कर दे सकते हैं इसलिए उन्हें जान से मारना चाहती है#BJPKeGunde pic.twitter.com/xs28gozeS2
— AAP (@AamAadmiParty) March 30, 2022
उत्तरी जिला डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बुधवार को भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने “कश्मीर फाइल्स” को लेकर दिल्ली के सीएम के विधानसभा वाले बयान के खिलाफ धरना आयोजित किया था. उनका यह धरना सुबह 11.30 बजे शुरू हुआ जिसमें करीब 150-200 लोग सीएम आवास के बाहर पहुंचे थे.
करीब 1.00 बजे कुछ प्रदर्शनकारियों ने सीएम आवास का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए सीएम आवास के बाहर जा पहुंचे और नारे लगाए वह व्यवधान उत्पन्न किया. उनके पास पेंट का एक छोटा डिब्बा था जिसे उन्होंने सीएम आवास के दरवाजे पर फेंक दिया. इसके साथ ही बूम बैरियर और एक सीसीटीवी कैमरा भी टूटा पाया गया.
पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए करीब 70 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. इनमें भाजपा के युवा नेता तेजस्वी सूर्या का भी नाम बताया जा रहा है. इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है.
उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस हिरासत में लिए सभी प्रदर्शनकारियों को नास्ता-पानी के बाद जल्द ही रिहा भी कर देगी.
इस मामले के लिए सबसे अधिक ज़िम्मेदार दिल्ली पुलिस है क्योंकि दिल्ली समेत दिल्ली के मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की है. और सभी जानते हैं दिल्ली पुलिस का कमान केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास है, ऐसे में समझा जा सकता है की दिल्ली पुलिस का भाजपा के उपद्रवी कार्यकर्ताओं के साथ शख़्ति से पेस आना थोरा मुश्किल रहा होगा, आख़िर भाजपा के कार्यकर्ताओं पर ऐक्शन लेने के बाद दिल्ली पुलिस के अधिकारीयों को जवाब तो भाजपा के नेताओं को हीं देना होता.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर हुए इस हमले से दिल्ली पुलिस की कबिलयत, क्षमता, और भाजपा के लिए समर्पण को समझा जा सकता है. भाजपा और दिल्ली पुलिस ने इस घटना से एक संदेश दिया है की अगर आप भाजपा के propaganda के ख़िलाफ़ हैं तो, कम से कम आप दिल्ली में तो सुरक्षित बिल्कुल नहीं हैं चाहे आप दिल्ली के मुख्यमंत्री ही क्यों ना हो.