कर्नाटक में राजनीतिक तापमान बढ़ता ही जा रहा है, कांग्रेस-जेडीएस की 13 महीने पुरानी सरकार अब गठबंधन के हाथ से फिसलती नज़र आ रही है और ऐसा लग रहा है जैसे जल्द हीं एचडी कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ जाएगी. एचडी कुमारस्वामी जनता दल सेकुलर के नेता हैं और 2018 में हुए चुनाव के बाद बने राजनीतिक समीकरण के कारण जेडीएस के सबसे काम सीट आने के बाद भी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बना दिया गया. पिछले कर्नाटक विधानसभा चुनाव में सीटों का हिसाब कुछ इस प्रकार था कांग्रेस-79, जेडीएस-37, निर्दलीय-1, बीएसपी-1, और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरते हुए 105 सीट. भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी (सिंगल लार्जेस्ट पार्टी) होने के कारण सरकार बनने का भी मौक़ा दिया गया जो बहुत विवादित फैसला रहा और सिर्फ दो दिन में भाजपा की यदूरप्पा सरकार ने विश्वास मत के ठीक पहले अपना इस्तीफ़ा दे दिया.
19 मई 2018 को यदूरप्पा सरकार के इस्तिफे के बाद कांग्रेस-79, जेडीएस-37, निर्दलीय-1, बीएसपी-1 को मिलकर गठबंधन की सरकार सरकार बनी और एचडी कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन कुमारस्वामी के सरकार चलना बहुत आसान नहीं रहा, बीते 13 महीनों में तरह तरह की ख़बरें आती रही और कई बार ऐसा लगा की कुमारस्वामी की सरकार गिरने वाली है. अभी कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन वाली सरकार के लिए सबसे बड़े चुनौती का दौर चल रहा है क्योंकि एक के बाद एक सरकार में शामिल विधायक और मंत्री इस्तीफ़ा दे रहे हैं.
शनिवार को जहाँ 11 विधायक ने विधानसभा स्पीकर के पास अपना इस्तीफ़ा सौंपा था वहीं आज राज्य में एक मात्र निर्दलीय विधायक नागेश के साथ साथ कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने अपना इस्तीफ़ा दे दिया है. कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस के सभी 21 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है.
Karnataka Congress Legislature Party leader Siddaramaiah corrects himself; says, "21 Karnataka Congress ministers have resigned voluntarily" https://t.co/vXrXlaWU51
— ANI (@ANI) July 8, 2019
निर्दलीय विधायक नागेश ने लिखा है कि अगर राज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने के लिए बुलाएंगे तो वह उसे समर्थन देंगे.
Karnataka Independent MLA Nagesh in his letter to Governor resigning as Minister:
I've already withdrawn my support to govt headed by HD Kumaraswamy. I would further by this letter unequivocally state I would extend my support to the Govt of BJP if called for by your good self pic.twitter.com/8qikTP4ttd— ANI (@ANI) July 8, 2019
कुल मिला के देखा जाए तो एचडी कुमारस्वामी की सरकार में अब उनके अलवा कोई नहीं बचा है, अब इस राजनीतिक हालात में कुमारस्वामी के लिए सरकार बचाना बहुत मुश्किल दिख रहा है.
कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने पार्टी के बाग़ी विधायकों को लेकर कहा, “मैं 5-6 विधायकों के संपर्क में हूं. मैं सभी बातों का खुलासा नहीं कर सकता. सभी लोग पार्टी के प्रति निष्ठावान हैं. सवाल मेरे प्रति वफादारी दिखाने का नहीं है सभी सदस्यों से पार्टी के प्रति वफ़ादार होने की उम्मीद की जाती है.”
#Karnataka CM & JD(S) leader HD Kumaraswamy: The issue will be resolved, don't worry. This govt will run smoothly. pic.twitter.com/2k5wul7qwL
— ANI (@ANI) July 8, 2019
सिद्धारमैया ने आगे कहा “सरकार को कोई खतरा नहीं है. इस पूरे घटनाक्रम के पीछे बीजेपी है. ‘ऑपरेशन लोटस’ की वजह से ऐसी स्थिति उतपन्न हुई है. सिद्धरमैया ने कहा कि सबकुछ ठीक है, मैं विधायकों से बात कर रहा हूं.”
कर्नाटक विधानसभा सीटों की कुल संख्या 225 हैं, इनमें एक सदस्य मनोनीत होता है. 2018 में चुनाव नतीजों के बाद सीटों का हिसाब कुछ इस तरह रहा बीजेपी-105, कांग्रेस-79, जेडीएस-37, निर्दलीय-1, बीएसपी-1. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार 118 विधायकों (कांग्रेस-79, जेडीएस-37, निर्दलीय-1, बीएसपी-1) के समर्थन से चल रही थी. अब इस एक निर्दलीय विधायक नागेश ने भी कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस ले लिया. जबकि बीएसपी विधायक अभी भी गठबंधन के साथ है.
अभी तक ताज़ा जानकारी के अनुसार कांग्रेस के 10 और जेडीएस के 3 विधायकों का इस्तीफ़ा वापस लेना असंभव दिख रहा है. इन 13 विधायकों के इस्तीफों के बाद विधानसभा की संख्या 224 से घटकर 211 रह जाएगी. इनमें एक सीट स्पीकर की है. अब अगर इन सभी विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार लिया जाता है तो बहुमत का हिसाब 210 सीटों पर लगाया जाएगा और किसी भी पार्टी को सरकार में रहने के लिए 106 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी. ऐसे में अगर भाजपा चाहे तो सरकार बनाना का दावा कर सकती है और शायद बड़ी आसान से बहुतमत भी हासिल कर सकती है. 106 के बहुमत के आँकरे के लिए BJP को सिर्फ़ 1 विधायक की ज़रूरत होगी क्योंकि 105 तो ख़ुद भाजपा के पास है और ख़बरों के अनुसार निर्दलीय विधायक नागेश ने बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है.