महिलाओं अाैर बच्चाें में खून की कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने अब नमक में आयोडीन के साथ-साथ आयरन मिलाने का निर्णय लिया है। सरकार नीति बना रही है, ताकि बाजार में बिकने वाले हर प्रकार के नमक में आयरन अनिवार्य तौर पर मिला हो। दरअसल, महिलाओं और बच्चों में एनीमिया दूर करने के लिए 49 साल से राष्ट्रीय कार्यक्रम चल रहा है। इसके बावजूद अभी देश में 54% से ज्यादा महिलाओं और 60% बच्चों में खून की कमी है।
महिलाओं और बच्चाें में खून की कमी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने अब नमक में आयोडीन के साथ-साथ आयरन मिलाने का निर्णय लिया है।
डॉ. वी के पॉल ने कहा कि सरकार विशेषज्ञों से बात कर रही है, ताकि योजना सही तरीके से देशभर में लागू की जा सके। https://t.co/F2xlvSvUK6
— NITI Aayog (@NITIAayog) September 25, 2019
बाजार में अभी कुछ कंपनियां आयरन युक्त नमक बेच रही हैं लेकिन यह अनिवार्य नहीं है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा कि सरकार विशेषज्ञों और इस मामले से जुड़े लाेगाें से बात कर रही है, ताकि योजना सही तरीके से देशभर में लागू की जा सके। एनीमिया के खिलाफ राष्ट्रीय कार्यक्रम में भी बदलाव किया जाएगा। डॉ. पॉल ने बताया कि गर्भवती में खून की कमी का असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। नवजात का वजन और लंबाई कम होती है। बड़ा होने पर उसमें मधुमेह, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है।
स्कूलों में बच्चों को आयरन की गोली दी जाती है लेकिन स्कूल खत्म होने के बाद उन्हें यह गोली नहीं मिलती। पढ़ाई खत्म होने के 5-6 साल में लड़कियाें की शादी हो जाती है। इस दौरान उन्हें आयरन नहीं मिल पाता। इसी वजह से अब नमक में आयरन मिलाकर देने की नीति बनाई जा रही है। ग्लोबल न्यूट्रीशियन रिपोर्ट-2018 के अनुसार देश में 4.66 करोड़ बच्चे बौनापन के शिकार हैं। इसके अलावा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार देश में 21% बच्चों का वजन लंबाई के अनुपात में कम होता है।