वरिष्ट पत्रकार और एनडीटीवी इंडिया के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार को 2019 के ‘रैमॉन मैगसेसे’ पुरस्कार के लिए चुना गया, रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड एक बेहद महत्वपूर्ण सम्मान है और इसे एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है. बता दें कि रैमॉन मैगसेसे पुरस्कार एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को उनके अपने क्षेत्र में विशेष रूप से उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रदान किया जाता है. यह पुरस्कार फिलीपीन्स के भूतपूर्व राष्ट्रपति रैमॉन मैगसेसे की याद में दिया जाता है.
These are the five recipients of Asia’s premier prize and highest honor, the 2019 Ramon Magsaysay Awardees. #RamonMagsaysayAward pic.twitter.com/HrLG1qVt6L
— Ramon Magsaysay Award (@MagsaysayAward) August 2, 2019
रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड देने वाली संस्था ने ट्वीट कर बताया कि रवीश कुमार को यह सम्मान “बेआवाजों की आवाज बनने के लिए दिया गया है.” रैमॉन मैगसेसे अवार्ड फाउंडेशन ने इस संबंध में कहा, “रवीश कुमार का कार्यक्रम ‘प्राइम टाइम’ ‘आम लोगों की वास्तविक, अनकही समस्याओं को उठाता है.” साथ ही प्रशस्ति पत्र में कहा गया, ‘अगर आप लोगों की अवाज बन गए हैं, तो आप पत्रकार हैं.’
इस पुरस्कार को पाने के बाद रवीश कुमार अब ऐसे छठे पत्रकार हैं जिनको यह पुरस्कार मिला है. इससे पहले अमिताभ चौधरी (1961), बीजी वर्गीज (1975), अरुण शौरी (1982), आरके लक्ष्मण (1984), पी. साईंनाथ (2007) को यह पुरस्कार मिल चुका है. इन पत्रकारों के अलवा किरण बेदी को साल 1994 में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को साल 2006 में और सोनम वांगचुक को पिछले साल 2018 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गाय है.
आज देश में मीडिया और पत्रकारों की स्थिति किसी से छुपी नहीं है, ज़्यादातर मीडिया पत्रकारिता के नाम पर सिर्फ सरकार और सत्ता की चापलूसी कर रही है. यही नहीं टीआरपी और विज्ञापन पाने की होड़ में टीवी चैनलों, अख़बारों और पत्रकारों ने पत्रकारिता के परिभाषा को हीं बदल दिया है. अब TV चैनेलों पर ख़बरें अपनी महत्वता के हिसाब से नहीं बल्कि टीआरपी और विज्ञापन देने वालों की सहूलियत के हिसाब से चलती है. कुछ टीवी चैनलों और ऐंकरों में जैसे सत्ता और सरकार के क़रीबी बनने की प्रतिस्पर्धा से हो रही है.
जिन पत्रकारों को सरकार से हर बात पर सवाल करनी चाहिए उन्ही पत्रकारों को आप हर दिन TV पर सरकार का बचाव करते देख सकते हैं. गोदी मीडिया के इस दौर में रवीश कुमार ने अपने टीवी कार्यक्रम प्राइम टाइम और रवीश की रिपोर्ट के माध्यम से वैसे मुद्दों को उठाते रहे हैं जो आम आदमी से जुड़े हैं. रवीश ने अपने कार्यक्रम के माध्यम से देश भर के स्कूलों, कॉलेजों, सड़कों की ख़स्ता वेवस्था और विभिन्न सरकारी विभागों में कर्मचारियों की परेशानियों से लेकर बेरोज़गारी जैसे मुद्दों को लगातार दिखाया जिसे सभी ने ख़ूब सराहा.
लोगों ने गालियाँ दी, देशद्रोही बोला और यहाँ तक जान से मरने की धमकियाँ तक दी गई लेकिन रवीश आगे बढ़ते रहे अपनी रिपोर्टिंग करते रहे. 12 वर्ष के बाद किसी भारतीय पत्रकार को रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है, ये देश के लिए सम्मान की बात है, और ये कहीं कहीं ये साबित करने के लिए काफ़ी है की रवीश कुमार की पत्रकारिता सही हैं और उन्हें गालियाँ और धमकियाँ देने वाले ग़लत. हम इंडीन्यूज़ की ओर रविश कुमार को बधाई देते हैं.
रविश कुमार को इस मौक़े पर तमाम लोगों ने शुभकामनाएँ दी.
#बोलनाहीहै #RavishKumar pic.twitter.com/OwyD0on7li
— Rajkamal Prakashan (@RajkamalBooks) August 2, 2019
Congratulations @ndtv's #RavishKumar for being the recipient of #RamonMagsaysayAward 2019, for your journalism to give voice to the voiceless. May you keep the flame of press freedom alight!@ravishndtv
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 2, 2019
Delighted to hear the great news of Ravish Kumar being announced 2019 Ramon Magsaysay award.
I welcome Ravish to the club of Magsaysay awardees and hope to see his brave journalism go from strength to strength in these difficult times.
Many congratulations my friend
Well done— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 2, 2019
सच कहने का साहस और आलोचना के विवेक की मशाल को जिंदा रखने वाले पत्रकार रवीश कुमार को रमन मैग्सेसे पुरस्कार मिलने पर बधाई। मैं उनके धैर्य का आदर करती हूँ।#RavishKumar #RamonMagsaysayAward
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 2, 2019
एनडीटीवी के मैनेजिंग एडिटर व देश के जान-माने पत्रकार रवीश कुमार को सन 2019 का रेमान मैगसेसे एवार्ड से सम्मानित होने पर बधाई। उम्मीद है कि देश का मीडिया जगत जनभावना के अनुरूप लोकतंत्र के चौथे स्तंभ होने की अपनी जिम्मेदारी निर्भीकता के साथ निभाकर देश व संविधान की सेवा करता रहेगा।
— Mayawati (@Mayawati) August 2, 2019