रक्षा समिति में शामिल कर मोदी ने दिखा दिया की प्रज्ञा ठाकुर की मन से माफी नहीं मिली है!

बिना माफ किए ये सब हो रहा तो माफ करने के बाद तो बस यही बचता है की सीधे रक्षा मंत्री या फिर गृह मंत्री ही बना दिया जाए.

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रक्षा समिति में शामिल कर मोदी ने दिखा दिया की उन्होंने मन से माफ नहीं किया प्रज्ञा ठाकुर!-IndiNews
Image Source: The Hindu

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बनी रक्षा मामलों की 21 सदस्यीय संसदीय सलाहकार समिति में भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर को भी नामित किया गया है. प्रज्ञा ठाकुर को कौन नहीं जानता, लेकिन शायद बहुत लोगों को ये अंदाज़ा नहीं होगा की वो इतनी ताकतवर है की प्रधानमंत्री मोदी का भी कुछ नहीं चलता 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी और गोडसे भक्त प्रज्ञा ठाकुर के सामने. शायद इसीलिए पीएम मोदी ने कहा था वो दिल से कभी माफ नहीं करेंगे, शायद ये देश की प्रधानमंत्री और सबसे ताकतवर राजनेता की विवशता थी इसलिए उन्होंने ऐसा कहा होगा. अगर पीएम मोदी विवश नहीं थे तो मन से कभी माफ नहीं करने वाला बयान बस एक ढोंग था राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति फर्जी सम्मान सम्मान दिखाने का.

मोदी सरकार ने अब जो किया है उससे दो बातें समझ आती है, या तो PM मोदी का मन से माफ नहीं करने वाल बयान झूठा था सच में माफ नहीं किया है; अब बयान झूठा इसलिए दिख रहा क्योंकि रक्षा मामलों की 21 सदस्यीय संसदीय सलाहकार समिति में सरकार ने प्रज्ञा ठाकुर को नामित किया है और सच इसलिए क्योंकि बिना माफ़ी के प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा समिति में नामित किया है अगर माफ कर दिया होता तो शायद प्रज्ञा ठाकुर को ही रक्षा मंत्री बना दिया जाता, अगर बिना माफ किए ये सब हो रहा तो माफ करने के बाद तो बस यही बचता है की सीधे रक्षा मंत्री या फिर गृह मंत्री ही बना दिया जाए.

देश की जनता ये कैसी नींद सो रही है की एक के बाद एक सरकारी कम्पनियाँ बिक रही, कम्पनी के साथ साथ राजनीतिक पार्टियों की भी एलेक्ट्रोल बांड के तहत नीलम किया जा रहा, किसानों और विद्यार्थियों पर डंडे बरसाए जा रहे और आतंकवाद के आरोप में जेल जा चुकी और बम धमाके से जुड़े मामले में बीमारी के नाम से ज़मानत पर रिहा, देश के लिए जान देने वाले पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे को अपमानित तथा अभद्र अंधविश्वासी टिप्पणी करने वाली, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे को महान बताने और गाय के मलमूत्र से कैन्सर के इलाज का दावा करने वाली प्रज्ञा ठाकुर को देश की रक्षा समिति में शामिल किया जाता है फिर लोगों को कोई फर्क नहीं पर रहा. लेकिन, प्रज्ञा ठाकुर को कॉन्फ़िडेन्स बहुत पहले से था की उसे पार्टी ने बड़े काम के लिए लोकसभा का टिकट दिया होगा, शायद इसलिए उसने जुलाई महीने में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वह नाले साफ करने के लिए नहीं चुनी गई हैं.

मालेगांव धमाके में अभी प्रज्ञा ठाकुर पर मुक़दमा चल रहा है हालाँकि फ़िलहाल वो खराब स्वास्थ्य के नाम पर ज़मानत पर है. कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर निशाना साधते हुए इसे ‘देश की सेना का अपमान’ बताया है. कांग्रेस ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘आतंकी मामलों की आरोपी और गोडसे की दिवानी प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा सरकार ने रक्षा मामलों की संसदीय समिति में शामिल किया है. यह हमारे देश की सेना, हमारे देश के प्रतिष्ठित सांसद और हर भारतीय का अपमान है.’

डिफेंस मामलों की इस कमेटी में कुल 21 सदस्य हैं, इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का भी नाम है. कमेटी में चेयरमैन राजनाथ सिंह के अलावा फारुक अब्दुल्ला, ए. राजा, सुप्रिया सुले, मीनाक्षी लेखी, राकेश सिंह, शरद पवार, जेपी नड्डा आदि सदस्य शामिल हैं.

देश में ज़बरन एक अजीब तरह इतिहास लिखी जा रही है और पुराने इतिहास को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. सही गलत के बीच के लाइन को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है फिर भी देश की जनता चुपचाप देख रही है. बात किसी पार्टी या किसी एक नेता की नहीं है, बात एक चलन बनाने की है; भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार अपने कार्यशैली और अलग-अलग निर्णयों से पूरे देश में एक गलत राजनीतिक माहौल और आनेवाले समय के लिए एक ऐसी राजनीतिक विरासत दे रहे जहाँ अच्छा और बुरा के बीच का अंतर बिल्कुल समाप्त हो जाएगा.

सरकार के गलत निर्णय और अनुचित कार्यों का सिलसिला फिर कभी थमने का नाम नहीं लेगा वो चाहे देश शिक्षा को महँगा करना हो या सरकारी कम्पनियों को उद्योगपतियों को हाथों नीलम करना हो या कॉरपोरेट के हाथों राजनीतिक पार्टियों को गिरवी रखने के रास्ता बनाना हो या प्रेस कंट्रोल हो या प्रज्ञा ठाकुर जैसे लोगों को बढ़ावा देना हो. ये सब यही नहीं रुकने वाला है, ये होता रहेगा चाहे सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की या किसी और गठबंधन की लेकिन मोदी सरकार के इन्ही निर्णयों को आगे भी उदाहरण बना कर ढ़ोया जाएगा, क्योंकि दागी सभी पार्टी में हैं और करप्शन सभी पार्टियों में है. ये सब देश और देश के राजनीतिक भविष्य के लिए कभी अच्छा नहीं हो सकता.