एक पेपर पर लिख देने से राहुल गांधी ब्रिटिश नहीं हो जाते – सुप्रीम कोर्ट

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Photo Credit: twitter.com/incmeghalaya

देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगा रही भाजपा को सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका. वहीं दोहरी नागरिकता मामले को लेकर राहुल गांधी और कोंग्रेस के लिए सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वाभाविक राहत भरा होगा. शीर्ष अदालत ने राहुल गांधी खिलाफ दायर दोहरी नागरिकता के मामले को खारिज कर दिया है. इस दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आखिर आप कौन हैं? इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वो भारत के नागरिक हैं. साथ ही सामाजिक कार्य और राजनीति करते हैं.

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर आरोप लगाया था कि राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है. लिहाजा उनको लोकसभा चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया जाए. हालांकि मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिकाकर्ता की दलील को सिरे से खारिज कर दिया.

याचिकाकर्ताओं ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपनी दोहरी नागरिकता छुपाई है. इस पर कोर्ट ने पूछा कि आपको कैसे पता चला? तो याचिकाकर्ताओं ने कहा कि ब्रिटेन की कम्पनी में एक दस्तावेज से खुलासा हुआ कि राहुल गांधी ब्रिटिश पासपोर्ट धारक हैं. राहुल गांधी सांसद हैं और पीएम बनना चाहते हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि कौन पीएम नहीं बनना चाहता. सभी चाहते हैं. क्या आप ऐसा अवसर ठुकरा देंगे?

अब सिर्फ किसी विदेशी कम्पनी के दस्तावेज लाकर आप ये दावा कर रहे हैं तो आप सही नहीं हैं. कोर्ट ने साफ कहा कि अगर कोई राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को कागजात में ब्रिटिश नागरिका बताता है तो क्या वो ब्रिटेन के नागरिक हो गए? बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को चुनौती देते हुए यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के जयभगवान गोयल और हिंदू महासभा के चंद्रप्रकाश कौशिक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

दोहरी नागरिकता को लेकर भाजपा नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर लगातार आरोप लगाए जाते रहे हैं, पिछले महीने (अप्रैल) के अंत में गृह मंत्रालय ने राहुल गांधी को नागरिकता को लेकर नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. गृहमंत्रालय ने यह नोटिस बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत मिलने के बाद जारी किया था.

गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में राहुल गांधी से एक समय के भीतर उनका पक्ष रखने और जवाब देने को कहा गया. केंद्र सरकार के निदेशक (नागरिकता) बीसी जोशी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को यह नोटिस जारी किया। बी सी जोशी ने पत्र में हस्ताक्षर किए हैं.

यही नहीं, राहुल के संसदीय क्षेत्र अमेठी में राहुल गांधी के नामांकन को लेकर भी भाजपा नेताओं और समर्थकों द्वारा सवाल उठाया जा रहा था, हालाँकि अमेठी के रिटर्निंग ऑफिसर ने राहुल गांधी के नामांकन पत्र को स्वीकार करते हुए इन आरोपों को खारिज कर दिया था. 2015 में इसी तरह के आरोपों पर वकील मनोहर लाल शर्मा द्वारा दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.